रायपुर: इन दिनों टोल टैक्स में शुल्क फास्टैग (Fastag) के ही माध्यम से लिए जाते हैं और हर चार पहिया गाड़ी व भारी वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य हो गया है। अपने इस समाचार news में हम आपको बता रहे है कि फास्टैग वाली गाड़ियों vehical के संचालकों को सावधान alert रहना चाहिए कि कहीं उनकी गाड़ी के नंबर से फास्टैग का उपयोग कोई दूसरी गाड़ी तो नहीं कर रही है। ऐसा ही एक मामला रायपुर में सामने आया है।
प्रकाश स्वीमिंग पुल के संचालक राजेश श्रीवास्तव Rajesh shrivastav ने बताया कि उन्होंने 21 सितंबर 2020 को शिवनाथ हुंडई से हुंडई वेन्यू कार खरीदी थी और इसमें फास्टैग भी लगा था, जो बैंक आफ बड़ौदा से लिंक था। उनकी गाड़ी का नंबर सीजी04एनडी4777 Vehical Number CG04ND4777 है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 28 मई को बैंक आफ बड़ौदा द्वारा सूचित किया गया कि उनकी गाड़ी में दो फास्टैग लगे हुए है और एक फास्टैग बंद किया जा रहा है। ब्रांच Branch से इस बारे में पता करने पर मालूम हुआ कि हमारी गाड़ी के नंबर Vehical Number से एसबीआइ SBI का भी फास्टैग Fastag किसी अन्य गाड़ी में लगा हुआ है।
जब इस बारे में एसबीआइ से जानकारी ली गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और टोलफ्री नंबर में शिकायत करने के लिए कहा गया। बैंक को कई बार ईमेल व शिकायत के बाद भी कोई सही जवाब नहीं मिली, बाद में पता करने पर मालूम हुआ कि उनका फास्टैग Fastag रायपुर Raipur निवासी लक्ष्मीकांत साहू Laxmikant Sahu के नाम पर दर्ज है, जिसमें गाड़ी का नंबर सीजी04एनडी4777 Vehical Number CG04ND4777 है।
यह फास्टैग उन्होंने एसबीआइ SBI के एजेंट मयंक तिवारी Mayank Tiwari से उन्होंने 9 दिसंबर 2020 को ली है। लक्ष्मीकांत साहू की गाड़ी का सही नंबर सीजी04एनडी4447 है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में एसबीआइ की SBI घोर लापरवाही दिखाई दे रही है। बैंकों द्वारा अपना टारगेट पूरा करने एजेंटों के माध्यम से फास्टैग Fastag या अन्य उत्पादों की बिक्री तो की जा रही है, लेकिन इस प्रकार की लापरवाही न हो, इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता।