
कोरबा: कोरबा- बगदेवा बार्डर पर कटघोरा- बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 130 में एक चारपहिया वाहन में अचानक आग लग गई। घटना में वाहन में सवार दंपति किसी तरह बाहर निकले और अपनी जान बचाए। आग की लपटों में घिरे वाहन से निकल रहा धुआं दूर- दूर तक दिखाई दे रहा था। घटना की सूचना दमकल विभाग को दी गई। जब तक दमकल स्थल पर पहुंचा, तब तक वाहन काफी जल चुका था। बताया जा रहा है कि वाहन कोरबा से बिलासपुर की ओर जा रहा था, तभी यह घटना हुई।
गेवरा एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के शक्तिनगर समेत समूचे अंचल में कोयले की उड़ती डस्ट से लोगों का राह चलना दूभर हो गया है। इसकी वजह से सड़कों पर दिन में ही अंधेरा छाया रहता है। शक्तिनगर पहुंच मार्ग में हो रहे प्रदूषण को लेकर कालोनीवासियों ने कई बार प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया, पर कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी। आश्चर्य की बात यह है कि इस मार्ग से अधिकारी भी अपने वाहन में आवागमन करते हैं, पर खिड़की बंद कर वाहन के अंदर बैठे अधिकारियों को प्रदूषण से कोई सरोकार नही है।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रदूषण को लेकर पर्यावरण विभाग ने निर्देश जारी किया है, पर उसका पालन शक्तिनगर क्षेत्र में नहीं किया जा रहा है। इससे क्षेत्र का वातावरण विषाक्त हो गया है। कोल डस्ट से लोग सांस भी नहीं ले पा रहे हैं। कोयले व राख के कण फेफड़े के साथ ही आंखों पर भी व्यापक दुष्प्रभाव डाल रहा है। स्थिति यह है कि इस क्षेत्र में सड़क में वाहनों के चलने से उड़ने वाले धूल से कुछ मीटर की दूरी भी नहीं दिखाई पड़ रही है। दिन में ही मुख्य मार्ग पर अंधेरा छाने जैसा प्रतीत हो रहा है। सबसे दयनीय स्थिति दो पहिया वाहन चालकों एवं राहगीरों की है।
सड़क के किनारे धूल की मोटी परत एकत्रित हो गई है।बड़े वाहनों से बचने के लिए दो पहिया वाहन चालक कोल डस्ट की मोटी परत में फंस कर धूल की चादर ओढ़ रहे हैं। दीपका थाना चौक से होकर गुजरना आए दिन जानलेवा साबित हो रहा है। धूल के गुब्बार से पूरे क्षेत्र के लोग परेशान है। सुबह सबेरे घूमने वालों के ऊपर मानो आसमानी कोई कहर टूट पड़ा हो, एक तो अपनी बेहतर सेहत के लिए घूमना अच्छा समझते हैं पर इस विषम परिस्थितियों में इंसान कहां जाए। प्रदूषण निवारण के लिए प्रशासन, परियोजना प्रबंधन के साथ कई बार एक्शन प्लान निर्धारित किए गए, लेकिन इसका कभी भी पालन नहीं किया गया।