
पुरे रायपुर में यह धूम धाम से मान्य जायेगा रात्रि 12 बजे जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है. इसे कृष्णष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है यह त्योहार कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है. जन्माष्टमी का त्योहार देश ही नहीं पूरी दुनिया में धूम-धाम से मनाया जाता है। पुरे भारत में दो दिवसीय जन्माष्टमी के पहले दिन बुधवार को अनेक श्रद्धालुओं ने व्रत रखा और रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उल्लास से मनाया। राजधानी के सिटी कोतवाली में रात्रि 12 बजे कारागार के भीतर श्रीकृष्ण जन्म होगा।
इस तरह से राधा कृष्ण मंदिर में सुबह 9 बजे 101 लीटर दूध से अभिषेक होगा। दोपहर 12 बजे से श्रृंगार दर्शन और शाम 4 बजे से श्रीकृष्ण झांकी दर्शन किया जा सकेगा। रात 12 बजे जन्म उत्सव मनाया जाएगा। दूसरे दिन शुक्रवार को दोपहर एक बजे से रानी सती दादी का मंगल पाठ प्रारंभ होगा। शाम को प्रसादी वितरण किया जाएगा।
बता दे की जन्म प्रसंग पर वासुदेव टोकरी में कान्हा को लेकर गोपाल मंदिर पहुंचेंगे, जहां जन्मोत्सव की खुशियां मनाई जाएगी। विविध मंदिरों में सुबह राधा-कृष्ण और लड्डू गोपाल की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक किया जाएगा। शाम को भजन मंडलियां भजनों की प्रस्तुति देंगे और आधी रात को महाआरती करके पंजरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा।श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव एवं विकास समिति द्वारा थाना सिटी कोतवाली के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात 12 बजे होगा वहीं दूसरे दिन गुरुवार को कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी की धूमधाम से मनाया जायेगा।