
कांकेर/खिलेश्वर नेताम: छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब बच्चों के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलें ताकि गरीबो के बच्चे भी इंग्लिश पढ़ सके पर स्कूल तो खोल दी लेकिन शिक्षक देना भूल गए राज्य सरकार ने आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल को लेकर बड़ी बड़ी बाते तो कर दिया पर जमीनी हकीकत में सरकारी दावे खोखले दिखाई देती है।
अधर में लटकी 287 बच्चो की भविष्य
हम बात कर रहे हैं ग्राम कोरर जहां 2023 में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोली गई है पर यहां शिक्षकों की कमी के वजह से बच्चों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है स्कूल खुले 1 महीने से ज्यादा हो गई पर अभी तक न शिक्षक है और न ही सुविधा वही पालक को भी अपने बच्चे के भविष्य की लेकर चिंता सताने लगी है। ऐसे स्थिति को देख कर कैसे कहा जा सकता है की पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया ग्राम कोरर में कक्षा पहली से लेकर कक्षा दसवीं तक की स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल खुल गई है यह लगभग 287 बच्चे पढ़ाई करने आते है जिनकी भविष्य अधर में लटकी गई है। या सिर्फ शिक्षकों के नाम पर तीन अतिथि शिक्षक को नियुक्त किया गया है जिसके भरोसे स्कूल तो चल रही है।
ग्राम कोरर में राजनीतिक महत्वाकांक्षा
ग्राम कोरर में राजनीति के कई दिग्गज नेता रहते है। वर्तमान में बस्तर प्राधिकरण के सदस्य वा कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बीरेश ठाकुर का यह स्थाई निवास है इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव भी कोरर के निवासी हैं और दोनों ही क्षेत्र के बड़े दिग्गज कांग्रेस नेता माने जाते हैं और विधानसभा टिकट के प्रबल दावेदार भी है। और उन्हीं के गांव में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में सुविधा और शिक्षकों की कमी कई सवालों को खड़ा करती है यहां सिर्फ भगवान भरोसे चल रही है हालांकि तीन अतिथि शिक्षक नियुक्त है पर अभी यहां कोई स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। कई पालकों ने बताया की सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने के लिए प्राइवेट स्कूल से निकाले थे पर यह शिक्षकों के कमी के कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है। बड़े प्रतिनिधियों के गृह ग्राम में बच्चों को सुविधा और शिक्षकों की कमी से जूझना पड़ रहा है तो आप समझ सकते है अंदुरूनी गांवो की क्या हाल होगा।