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On this day the jungle tiger was declared the national animal; आज ही के दिन जंगल का राजा शेर की जगह बाघ को क्यों राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया, जानें विस्तार से

आज ही के दिन साल 1969 में वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया. फिर 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया. भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है। इसे बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। बाघ की यह प्रजाति अधिकतर भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है। बाघों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।

अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) की सूची में इसे लुप्तप्राय जीव के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है। भारत सरकार भी कानून बनाकर बाघों के संरक्षण पर ध्यान दे रही है। बाघ का वैज्ञानिक नाम Panthera tigris है। यह एक स्तनपायी पशु है जिसका वजन 300 किलोग्राम तक होता है। बाघ को उसके चेहरे और शरीर पर बने विशिष्ट नारंगी व काले रंग के पट्टियों से आसानी से पहचाना जा सकता है।दुनियाँ के कई देशों का राष्ट्रीय पशु है। जैसे की श्रीलंका का राष्ट्रीय पशु शेर, आस्ट्रेलिया का कंगारू, USA का अमेरिकी बाइसन, स्पेन का शेर, रूस का भालू है। उसी तरह ही बाघ अर्थात बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है।

बाघ से पूर्व भारत का राष्ट्रीय पशु कौन था-

यह हममे से बहुत कम लोग जानते हैं की बाघ से पहले भारत का राष्ट्रीय पशु शेर था। वर्ष 1969 ईस्वी में भारत के वन्यजीव बोर्ड द्वारा शेर को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया गया था। लेकिन वर्ष 1973 में भारत के राष्ट्रीय पशु का दर्जा शेर को हटा कर बाघ को दिया गया।

बाघ क्यों बना भारत का राष्ट्रीय पशु –

बाघ में गजब की फुर्ती और अपार ताकत पायी जाती है। यह करीव 60 किलो मीटर की रफ्तार से अपने शिकार का पीछा कर सकती है। कहते हैं की इन बाघों की दहाड़ को कई किलो मीटर दूर तक सुना जा सकता

सबसे ज्यादा बाघ भारत में है। एक सर्वे के मुताबिक दुनियाँ के लगभग 70% बढ़ भारत में ही पाए जाते हैं। इस कारण बंगाल टाइगर को भारत का राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाया गया।

भारत का सुंदरबन डेल्टा क्षेत्र बाघों के लिये सबसे सुंदर प्राकृतिक आवास है। सन 1973 में जब बाघ को राष्ट्रीय पशु का दर्जा मिला तब से भारत सरकार इनके संरक्षण के लिए कई कदम उठायी।

विश्व बाघ दिवस’

बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य एक अभियान चलाया गया। इसके साथ ही बाघों के संरक्षण के लिए प्रति वर्ष 29 जुलाई को ‘विश्व बाघ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

इसकी शुरुआत पहली बार 2010 में हुआ था। तब से यह हर साल यह 29 जुलाई को मनाया जाता है। विश्व बाघ दिवस का मुख्य उद्देश्य बाघों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देना है।

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ताकि इन जानवरों के सामने आने वाली चुनौतियों और उनकी रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों को वल मिल सके।

बाघ का भारत की संस्कृति से संबंध-

भारत में बाघ को देश की संस्कृति से भी जोड़कर देखा जाता है। इसका वर्णन हिन्दू धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। बंगाल टाइगर का चित्र भारतीय नोटों, सिक्कों और डाक टिकटों पर भी देखा जा सकता है।

बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कब घोषित किया गया-

इंडियन नेशनल वाइल्डलाइफ द्वारा वर्ष 1972 में बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु घोष‍ित किया गया। वर्ष 1972 में भारत सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत कर इनके संरक्षण पर जोर दिया।

भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु कौन है-

भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु का दर्जा हाथी को प्राप्त है। वर्ष 2010 में हाथी को भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु के रूप में घोषित किया गया था।

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