सूरजपुर: आज भी कुछ गांव ऐसे हैं, जहां बीमार होने पर बैगा-गुनिया के चक्कर में आकर जान से हाथ धो बैठते है। सूरजपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां पर सांप के काटने से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र उप स्वास्थ्य केंद्र में एंटी वेनम वैक्सीन उपलब्ध कराती है। लेकिन फिर भी लोग बैगा वैध के चक्कर लगा रहे हैं। आखिर क्यों लोग सांप के काटने से मर रहे हैं और आज भी लोग कैसे बैगा-गुनिया के चक्कर लगा रहे हैं… आइए जानते है… किस तरह से एक मासूम बच्चे के पिता का मानना है कि, मेरा बेटा फिर जिंदा हो जाएगा और मुझे पापा कहकर बुलाएगा।
किस तरह से एक मासूम बच्चे के पिता का मानना है कि, मेरा बेटा फिर जिंदा हो जाएगा और मुझे पापा कहकर बुलाएगा। दरअसल ये पूरा मामला भरूवा मुड़ा गांव का है, जहां 3 साल का मासूम आशीष अपने घर में सो रहा था। तभी एक जहरीले सांप ने उसे काट लिया, जैसे ही परिवार के लोगों को पता चला तो परिवार के लोग उसके मुंह गेजा निकलने लगे…बच्चे के इलाज के लिए हॉस्पिटल जाने की वजह भोले-भाले ग्रामीण झाड़-फूंक करने वाले के पास चले जाते है। बच्चे को सांप काटने पर पिता बोला मेरा बेटा जिंदा है और सांप को लेकर बैगा-गुनिया की तलाश में घूमता रहा। लेकिन वैध नही मिलने के बाद मायूस होकर बैठ गया और बड़ी मुश्किल में डॉक्टरों के समझाने के बाद उसका पोस्टमार्टम हो सका और उसके बाद मासूम का शव परिजनों को सौंप दिया गया।