नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘रामायण’ पर आधारित फिल्म ‘आदिपुरुष’ के प्रसारण पर रोक से संबंधित ‘ंिहदू सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से बुधवार को इनकार किया। न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू और न्यायमूर्ति अमित महाजन की अवकाशकालीन पीठ ने मामले को या तो ‘‘आज या कल या उसके अगले दिन’’ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता के अनुरोध को खारिज कर दिया।
उनके वकील ने कहा कि जनहित याचिका 30 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है लेकिन तब तक याचिका का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
अदालत ने पाया कि फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है और रिलीज की तारीख भी पहले से ही पता थी और तत्काल सुनवाई के लिए कोई मामला नहीं बनता है।
अदालत ने कहा, ‘‘जब फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है तो आप क्या रोक लगाना चाह रहे हैं? अब तक मुझे नहीं लगता कि मामला अत्यावश्यक है। कृपया सुनवाई वाले दिन (30 जून) आएं।’’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कई ‘‘विवादास्पद हिस्से’’ हैं जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित कर रहे हैं क्योंकि नेपाल ने फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि निर्देशक ओम राउत ने पहले आश्वासन दिया था कि विवादास्पद हिस्सों को हटा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया और फिल्म को रिलीज कर दिया।
याचिका के अनुसार, ‘आदिपुरुष’ ने धार्मिक चरित्रों और संख्याओं का गलत और अनुचित तरीके से चित्रण करके ंिहदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे लेखकों द्वारा लिखित रामायण में वर्णन के विपरीत है। याचिका में अधिकारियों से फिल्म के प्रमाणन को रद्द करने और इसे तुरंत प्रतिबंधित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।