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Big News: जॉब के बदले भारी-भरकम रिश्वत मामले में फंस गए स्टालिन के मंत्री, करोड़ों का हुआ है घोटाला, जानें पूरा केस…

चेन्नई: तमिलनाडु के ऊर्जा मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार तड़के मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया. सेंथिल बालाजी ईडी का सामना करने वाले तमिलनाडु की स्टालिन नीत सरकार के पहले मंत्री हैं. मालूम हो कि ऊर्जा मंत्री पर ‘नौकरी के बदले कैश’ घोटाले के आरोप होने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी विभिन्न जगहों पर लगातार छापेमारी की है.

हफ्तों की छापेमारी के बाद गिरफ्तारी
आयकर (IT) विभाग ने ऊर्जा मंत्री और उनके समर्थकों के 40 से अधिक विभिन्न ठिकानों पर आठ दिनों तक छापेमारी की है. उसके दो सप्ताह के बाद बालाजी की गिरफ्तारी हुई है. पिछले महीने मई में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द किया जिसमें बालाजी और अन्य के खिलाफ कथित भर्ती घोटाले की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था और उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ जांच करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने ‘नौकरी के बदले कैश’ घोटाले मामले में नए सिरे से जांच का आदेश देते हुए ईडी को भी अपनी जांच जारी रखने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा कि बाद में एसआईटी का गठन भी किया जा सकता है. लेकिन बालाजी पर कैश के बदले जॉब का आरोप काफी पुराना है.

‘कैश के बदले जॉब’ का कच्चा-चिट्ठा
एआईडीएमके की सरकार (2011-2015) के दौरान, जब दिवंगत जयललिता तत्कालीन मुख्यमंत्री थीं, मामला उस समय का है. तब बालाजी एआईडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री हुआ करते थे. इस दौरान उन्होंने उम्मीदवारों से जॉब के बदले भारी-भरकम रिश्वत ली थी. साल 2018 में मेट्रो ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MTC) के एक कर्मचारी ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उनका आरोप था कि MTC में विभिन्न पदों पर नौकरी के बदले बालाजी सहित अन्य लोगों ने 4.25 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी. इसके बावजूद उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिली. इसके बाद बालाजी के खिलाफ लगातार तीन मामले दर्ज कर चार्ज शीट फाइल की गई. वहीं ईडी ने साल 2021 में PMLA/ धनशोधन के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.

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