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मेकाहारा के डॉक्टरों ने 73 वर्षीय बुजुर्ग को दी नई जिंदगी

रायपुर। डॉ. अम्बेडकर चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 73 वर्षीय बुजुर्ग मरीज के 16 साल पहले हुई दिल की बाईपास सर्जरी के दौरान बनाये गये ग्रॉफ्ट में हुए ब्लॉकेज को विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी विभाग डॉ.(प्रो.)स्मित श्रीवास्तव एवं टीम ने लेज़र के माध्यम से भाप बनाकर निकाला। डॉ. स्मित श्रीवास्तव के अनुसार दिल की बाईपास सर्जरी में ग्राफ्ट द्वारा बनाए गए नए रास्ते में खून का थक्का जमकर कठोर हो चुके 99 प्रतिशत ब्लॉकेज को एक्जाइमर लेजर कोरोनरी एथेरेक्टॉमी (ईएलसीए) विधि से भाप बनाकर खोलने का राज्य का यह पहला केस है। पैर की नसों के माध्यम से बाईपास ग्राफ्ट तक पहुंचकर लगभग सिर के बाल बराबर पतले रास्ते में कैथेटर को प्रवेश कराकर ब्लॉकेज को खोलना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। (New life given to 73 year old man)

डॉ. स्मित श्रीवास्तव के मुताबिक बाईपास की नसें बंद होने के बाद ज्यादा विकल्प नहीं होते। यदि दुबारा बाईपास करना हो तो छाती को फिर खोलना पड़ता है जिसमें बहुत ज्यादा जोखिम रहता है इसलिए बाईपास की नस को खोलने के लिए एक्साइमर लेजर कोरोनरी एथेरेक्टॉमी (ईएलसीए) विधि सही साबित हुआ। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ डॉ. प्रतीक गुप्ता, नर्सिंग स्टॉफ में वंदना, बुद्धेश्वर, छाया, टेक्नीशियन खेम सिंह, जितेन्द्र चेलकर, महेंद्र, बद्री, प्रेमचंद, खोगेंद्र साहू एवं डेविड तिर्की शामिल रहे। (New life given to 73 year old man)

 

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