BIG BREAKING : भाजपा का 4400 करोड़ का शराब घोटाला आया सामने

ऐसे किया भ्रष्टाचार:
2012-2017 के बीच रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते दिया गया इस महाघोटाला को अंजाम
दिल्ली की AAP सरकार की तरह ही है BJP का शराब घोटाला
ऐसे किया भाजपा ने शराब में भ्रष्टाचार:
– दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की तरह ही दशकों से चली आ रही आबकारी नीति को बदला
– वर्ष 2012 से 2017 के बीच रमन सरकार के उच्चस्तरीय संरक्षण में प्रदेश में मौजूद शराब उत्पादकों को फायदा पहुंचाया गया
– करोड़ों की कमीशनखोरी के उद्देश्य से बिना मापदण्डों का पालन किये उनके उत्पाद को IMFL (इंडियन मेड फॉरेन लिकर) की केटेगरी में शामिल किया
– शराब बिक्री में ठेकेदारों को अधिक मुनाफा देकर अवैधानिक तरीके से IMFL श्रेणी की केटेगरी में रखी शराब को प्रदेश में ऊंची दरों पर बेचा
– कई हजार करोड़ रूपयों की कमीशनखोरी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया
– भाजपा की रमन सरकार ने इस महाघोटाले को अंजाम देने के लिये अपने खास अधिकारी समुन्द राम सिंह को रिटार्यमेंट के बाद नियमों के खिलाफ जाते हुये 9 साल लगातार सेवा वृद्धि कर आबकारी विभाग में ओएसडी रखा
– शासन के इशारे पर इस अधिकारी ने हजारों करोड़ के आबकारी घोटाले को अंजाम दिया
– संविदा पर पदस्थ अधिकारी को वित्तीय अधिकार नहीं होते लेकिन इसने वित्तीय अधिकारों का दुरूपयोग कर महाघोटाले में सरकार का साथ दिया
– वर्ष 2018 में संविदा पर पदस्थ ओएसडी समुन्द सिंह प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के दूसरे दिन इस्तीफा देकर फरार हो गये
– भ्रष्टाचार की शिकायत दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से किये जाने पर मुख्यमंत्री ने उक्त भ्रष्टाचार की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी
– ईओडब्लू ने जांच कर इस महाघोटाले पर मोहर लगाते हुये 26 अप्रैल 2019 को समुन्द सिंह के आठ ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की, गिरफ़्तार किया
हमारी मांग:
1. इस जांच के दायरे में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, तत्कालीन आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल, तत्कालीन आबकारी सचिव एवं आबकारी आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा की कार्यप्रणाली को भी जांच के दायरे में लिया जाये
2. क्योंकि यह 4400 करोड़ का संगठित घोटाला था। शराब घोटाले से मिलने वाली 4400 करोड़ की कमीशन की राशि किस खाते में जायेगी इस बात को लेकर रमन सरकार की कैबिनेट बैठक में दो मंत्रियों में विवाद हुआ था, ये रमन सरकार के शराब घोटाले का प्रमाण है
3. रमन सरकार के घोटाले के कारण स्पष्ट तौर पर राजस्व की कमी से भी साबित है कि घोटाला हुआ, जिसमें सीएजी ने भी सवाल खड़ा किया था। इसकी जांच करने का साहस ईडी क्यों नहीं दिखा रही है? हमारी मांग है कि रमन सरकार के इस शराब घोटाले की ईडी जांच करे।
 
				





