रायपुर। राजधानी में 1999 से चला आ रहा जमीन विवाद अब एक नया मोड़ ले लिया है। चंगोराभाठा स्थित चमारिन बाई की 4 एकड़ जमीन को 1999 में मुख्तियार नामा के आधार पर चमारिन बाई के एवज में निर्मला सोनकर द्वारा लीगल तरीके से 8 लोगों के नाम पर आधा आधा एकड़ की रजिस्ट्री की गई थी.(Raipur News land dispute)
बाद में चमारिन बाई की मृतु के बाद उनके बेटे मनाराम सोनकर द्वारा 2005 में उस जमीन को दुबारा बेचने की कोशिस की गई थी। जिस पर सभी 8 दावेदारों द्वारा आपत्ति की गई थी। जिसके बाद से जमीन विवाद का मामला शुरू हो गया। बाद में 2017 में भी दुबारा इस जमीन को प्लाटिंग कर बेचना चाहा था।
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जिसके बाद 2018 में न्यायधीश के आदेश से यह जमीन सभी 8 दावेदार जिसमे इंद्रपाल सिंह, रंजीत सिंह, हरपाल सिंह, मनजीत सिंह, विजय ठाकुर, मनीष बुधिया, अविनाश कुमार और विद्यावती का होना बताया। साथ ही पुराने किये गए सोनकर परिवार के द्वार सभी दावो को फर्जी करार दिया गया। इस मामले के इतने समय बाद आज सोनकर परिवार द्वारा बेगुनियाद आरोप लगाते हुए पत्रकार वार्ता रखी गयी थी।
जिसमे उन्होंने बिना किसी सबूत के बहुत गंभीर आरोप लगाए है। यही नही उन्होंने 2018 में आये न्यायधीश के आदेश को भी पूरी तरह नकार दिया है। जबकि अभी भी इस मामले में जिला सत्र न्यायलय में जमीन को लेकर केस पेंडिंग है। यही नही सोनकर परिवार और फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करने वालो के विरुद्ध पहले ही थाने में धारा 420 के तहत शिकायत दी जा चुकी है.(Raipur News land dispute)