पॉलिटिक्स

MSP पर कांग्रेस बनाम बीजेपी, देखें कैसे दोनों दलों के नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ी है जंग

मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि संबंधी बिल भले ही संसद से पास हो गए हो लेकिन अभी इन पर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. रविवार को संसद में इस मसले पर हंगामा भी हुआ, जिसपर सोमवार को एक्शन लिया गया. बिल को लेकर सबसे अधिक विवाद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर है. इस मसले पर संसद से लेकर सड़क और सोशल मीडिया पर विवाद मचा हुआ है और भाजपा-कांग्रेस के सांसद अपनी राय रख रहे हैं. 

पीएम की ओर से विपक्ष को दिया गया जवाब
बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर ट्वीट किया. MSP को लेकर पीएम ने लिखा कि मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं, MSP की व्यवस्था जारी रहेगी. सरकारी खरीद जारी रहेगी. हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं. हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे.

बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी एमएसपी के मसले पर विपक्ष को घेरा. जेपी नड्डा ने लिखा कि एमएसपी अर्थात् मिनिमम सपोर्ट प्राइस था, है और रहेगा. एपीएमसी की व्यवस्था भी बनी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए किसानों के बेहतर भविष्य के लिए ये कदम उठाए हैं जो किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

जेपी नड्डा ने दावा किया कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा. किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है. बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ किसान ले सकेंगे. इससे जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान किसान के घर पर ही उपलब्ध होगा.

पी. चिदंबरम ने पूछा सवाल
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस मसले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि पीएम और मंत्रियों ने वादा किया है कि एमएसपी मिलती रहेगी. लेकिन कैसे, सरकार को कैसे पता चलेगा कि किसान ने किस ट्रेडर को फसल बेची है. हर रोज लाखों की संख्या में ट्रांजैक्शन होते हैं, ऐसे में सरकार किस तरह जानेगी कि MSP मिला है या नहीं? आखिर किस कानून के तहत प्राइवेट खरीदार MSP दे रहा है? पूर्व मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों से झूठ बोलना बंद करना चाहिए.

पी. चिदंबरम के ट्वीट पर बीजेपी की ओर से आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि ये व्यक्ति वित्त मंत्री रह चुके हैं, क्या ये सामान्य नहीं है कि अगर किसान को बाजार में MSP से कम दाम मिलेगा तो वो MSP के रास्ते ही जाएगा. अगर उसे अधिक दाम मिलेगा तो वहां चला जाएगा. पहले किसान पर कोई ऑप्शन नहीं था.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने ट्वीट में सरकार पर निशाना साधा. राहुल ने लिखा कि मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा? और MSP की गारंटी क्यों नहीं? मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा.

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