जिला अदालत ने किसान के परिवारों को उनकी मृत्यु के कुछ साल बाद, उन्हें 9 लाख रुपये का मुआवजा देने का दिया आदेश।
Death of farmer family :घटना 2013 की है जब थाना सदर क्षेत्र की भगवतीपुरम कॉलोनी निवासी किसान रमनलाल की चार जनवरी की शाम औरंगाबाद स्थित खेत में पानी लगा रहा था। तभी वहां लगे 11 हजार वोल्टेज की विद्युत लाइन का इन्सुलेटर टूट गया और खंबे में करंट आ गया।ज़िले की एक अदालत ने खेत में लगे बिजली के खंभे से चिपक कर मरे किसान के परिजनों को घटना के नौ साल बाद नौ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया, अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (सप्तम) के जज संजय चौधरी ने बृहस्पतिवार को खेत में लगे बिजली के खंभे में करंट आ जाने से मरे किसान की पत्नी एवं बेटियों द्वारा विद्युत विभाग के खिलाफ दायर किए गए मुकदमे में फैसला देते हुए उन्हें नौ लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
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Death of farmer family: उन्होंने बताया कि यह घटना 2013 की है जब थाना सदर क्षेत्र की भगवतीपुरम कॉलोनी निवासी किसान रमनलाल की चार जनवरी की शाम औरंगाबाद स्थित खेत में पानी लगा रहा था। तभी वहां लगे 11 हजार वोल्टेज की विद्युत लाइन का इन्सुलेटर टूट गया और खंबे में करंट आ गया। करंट से चिपककर रमनलाल की मौत हो गई। घटना के वक्त मृतक की पत्नी विमला देवी को महज एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई, परंतु, रमनलाल की मौत के बाद पत्नी व चार नाबालिग पुत्रियों के पालन पोषण में परेशानी होने लगी।
Death of farmer family: इस पर विमला देवी ने अपनी व नाबालिग पुत्रियों की ओर से विद्युत वितरण खंड ग्रामीण, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कैंट के अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया। जिसकी सुनवाई एडीजे (सप्तम) संजय चौधरी की अदालत में हुई। सहायक शासकीय अधिवक्ता मुकेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि अदालत ने विद्युत निगम पर नौ लाख रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर दिए जाने के आदेश किए हैं। इसमें तीन लाख रुपये विमलादेवी और बाकी छह लाख रुपये उनकी चारों बेटियों को मिलेंगे।