विधानसभा में गूंजा टीएस सिंहदेव के इस्तीफे का मामला, जमकर हुई गहमागहमी सदन की कार्यवाही स्थगित
RAIPUR CHHATTISGARH-टीएस सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेरा. नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि संवैधानिक संकट की स्थिति हैं, मंत्री सदन में होते तो उनसे बात करते. मंत्री को निकालना है तो इसकी घोषणा मुख्यमंत्री करें. वाद-विवाद की स्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित की गई.(resignation of TS Singhdeo)
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि अंधी-बहरी और गूंगी सरकार है, जो अपने मंत्री की आवाज नहीं सुन पा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा नहीं है कि प्रधानमंत्री आवास जरूरतमंदों को मिल सके. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्रिमंडल और कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व है. मंत्री टीएस सिंहदेव के मामले में सरकार वस्तुस्थिति बताएँ. प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति है.
विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ने सरकार पर ही अविश्वास प्रकट किया है. अनुच्छेद 166 में राज्यपाल ने मंत्रियों को अधिकार दिए हैं. मुख्यमंत्रियों को मंत्रियों के अधिकार छिनने का अधिकार नहीं है. क्या मंत्री से मुख्य सचिव बड़ा हो गया है. छत्तीसगढ़ में ये अनूठा उदाहरण है. मंत्री यदि एक विभाग से इस्तीफ़ा देता है तो इस विषय पर जब तक मंत्री और मुख्यमंत्री का वक्तव्य नहीं आ जाता तब तक सदन चलाने का कोई औचित्य नहीं.(resignation of TS Singhdeo)
उन्होंने कहा कि मंत्री में यदि हिम्मत है तो आकर वह मंत्री पद से इस्तीफ़ा दें. राज्यपाल के प्रति उत्तरदायित्व रहते हुए एक मंत्री यदि सरकार पर सवाल उठाता है तो ऐसे में मंत्रिमंडल पर विश्वास कैसे किया जा सकता है. ये कौन सा नियम है, कौन सा संविधान है कि मंत्री के निर्णय पर मुख्य सचिव की कमेटी अंतिम निर्णय ले. जब तक इस प्रकरण का निराकरण नहीं हो जाता तब तक सदन की कार्यवाही स्थगित रखी जाए.
स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने पूछा किस नियम के तहत इस पर चर्चा हो रही है? मंत्री के पत्र पर किस नियम से चर्चा हो रही है? स्पीकर ने कहा कि राज्य में किसी तरह का संवैधानिक संकट नहीं है. मंत्री के पत्र पर इस्तीफ़ा स्वीकार करने की कोई सूचना नहीं है.
जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि मंत्री सदन में नहीं हैं. पंचायत विभाग का मंत्री सदन में नहीं है. पत्र के जवाब में 61 विधायकों ने कर्रवाई की माँग को लेकर चिट्ठी पर दस्तख़त किया है. पुनिया जी उसे लेकर दिल्ली गई है. हसदेव और सिंहदेव का अस्तित्व ख़तरे में पड़ा हुआ है. मुझे नहीं लग सकता ये बचेंगे. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये गोपनीय पत्र है. मंत्री ने शपथ ली है. गोपनीय पत्र बाहर आया है तो इस सरकार को एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं.