छत्तीसगढ़ के करीब 3 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लौटा कर भूपेश सरकार ने उनकी दशकों पुरानी मांग पूरी कर दी है। ये सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे। प्रदेश के सारे कर्मचारी एक स्वर में पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे थे। सभी वर्गों के हितों का ख्याल रखने वाली भूपेश सरकार ने ना सिर्फ उनकी मांग सुनी, बल्कि बजट भाषण में इसकी घोषणा करते हुए इसे लागू भी कर दिया।(Old pension scheme in Chhattisgarh)
(Old pension scheme in Chhattisgarh) पेंशन बुढ़ापे का सहारा होती है। एक तरह से देखा जाए तो रिटायर होने के बाद बुजुर्गों के लिए पेंशन किसी भी प्रकार की जरूरत के समय ऑक्सीजन का काम करती है। लेकिन इस राहत पर साल 2004 में नई पेंशन योजना लागू कर कुठाराघात करते हुए बंद कर दिया गया। जिससे छत्तीसगढ़ के करीब 3 लाख कर्मचारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। नई योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन का कुछ हिस्सा काटकर शेयर मार्केट में लगाया जा रहा था और रिटायर होने पर मौजूदा स्थिति के अनुसार पेंशन तय हो रही थी। नई योजना के तहत कुछ कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद महज 4 से 5 हजार रुपए महीना मिलना शुरू भी हुए। जिसके बाद कर्मचारियों ने और विरोध तेज कर दिया। कर्मचारियों की पीड़ा को भूपेश सरकार ने समझा और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को जायज मानते हुए बहाल करने की घोषणा कर दी.
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मुख्यमंत्री भूपेश की घोषणा ने कर्मचारियों में जश्न का माहौल पैदा कर दिया। खुश कर्मचारियों ने अलग अलग आयोजन कर उनका सार्वजनिक अभिनंदन भी किया, इतना ही नहीं, गदगद कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन लौटाने के लिए उन्हें पेंशन पुरुष तक का खिताब भी दे दिया। भूपेश सरकार की घोषणा के बाद कर्मचारियों की बुढ़ापे की चिंता खत्म हो गई है। नौकरी कर रहे कर्मचारी अब अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं और रोम रोम से सीएम भूपेश को धन्यवाद दे रहे हैं.