लाठी भी ना टूटे और सांप भी मर जाए…मुख्यमंत्री जन चौपाल के दौरान बड़ी सहजता से अधिकारियों को पढ़ा रहे गुड गवर्नेंस का पाठ
लाठी भी ना टूटे और सांप भी मर जाए… कहावत को चरितार्थ करते हुए मुख्यमंत्री जन चौपाल के दौरान बड़ी सहजता से अधिकारियों को गुड गवर्नेंस का पाठ पढ़ा जाते हैं। मुख्यमंत्री बघेल मुस्कुराते हुए कहते हैं एक तरफ जनप्रतिनिधि, एक तरफ अधिकारी बैठे हैं, जनप्रतिनिधि विधानसभा में योजना बनाते हैं तो, अधिकारी उस को क्रियान्वित करते हैं, योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है या नहीं इसका पता लगाने साथ लेकर आया हू।
बड़ी विनम्रता से मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों,अधिकारियों को यह छुपा संदेश दिया कि उनके कार्यों का आकलन करने मुख्यमंत्री वहां पहुंचे हैं।और बातों ही बातों में अफसरों को गुड गवर्नेंस का सबक भी दे गये। उन्होंने अफसरो को आम जनता के साथ संवाद करने का सुझाव दिया, और साथ ही साथ लोगो तक बुनियादी सुविधाएं पहुचाने पर भी जोर दिया.
गौरतलब है किमुख्यमंत्री बघेल अत्यंत सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं वीआईपी कल्चर उन्हें छू नहीं पाया है आम आदमी से सीधे जुड़ कर सवाद करते हैं ।जनता से बिल्कुल दूरी बनाकर नहीं रखते। जन समूह में एक रुप हो जाना उनकी खासियत है.(Even the stick should not break and the snake)
और भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान उनका ग्राम वासियों के साथ काफी आत्मिक संबंध देखने को मिलता है जिसके लिए बघेल जाने भी जाते हैं। और यह उनकी लोकप्रियता का है असर है कि मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कटकोना में कल हुए भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान भारी बारिश और बिजली के बीच भी जन चौपाल में जुटे लोगों का उत्साह नही डिगा। और वे मुख्यमंत्री से मिलने, उनसे सवाद करने वहीं डटे रहे.
दोपहर का भोजन बघेल ने ग्राम पाराडोल के किसान मनकेश्वर सिंह के घर किया जहां उनका तिलक और आरती उतारकर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया और उन्हें पारंपरिक व्यंजन जैसे बथुआ सुकसी भाजी, मुनगा सब्जी, तुरई सब्जी और लकड़ा चटनी परोसी गई। इन पलों को हमेशा जीवित रखने के लिए मुख्यमंत्री ने मनकेश्वर सिंह के परिवार के साथ फोटो भी खिंचवाई और उन्हें उपहार भी दिए.(Even the stick should not break and the snake)