कांग्रेस में मजबूत नेतृत्व के गठन को लेकर लिखी गई चिट्ठी से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी. सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आरोप लगाया और खेद व्यक्त किया कि आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में शामिल थे.
फिलहाल सोनिया बनी रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष
कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले 4-5 महीने में होगें. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए. इससे पहले बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जबकि एके एंटनी ने पत्र को क्रूर कहा.
अंबिका सोनी ने की कार्रवाई की मांग
CWC की बैठक में अंबिका सोनी ने पत्र लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी अनुशासनहीनता की है, उस पर कांग्रेस के संविधान के अनुसार निर्णय लिया जाना चाहिए.
इस वजह से बुलाई गई थी बैठक
जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी. कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था. इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे.
फिलहाल सोनिया बनी रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष
कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले 4-5 महीने में होगें. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए. इससे पहले बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जबकि एके एंटनी ने पत्र को क्रूर कहा.
अंबिका सोनी ने की कार्रवाई की मांग
CWC की बैठक में अंबिका सोनी ने पत्र लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी अनुशासनहीनता की है, उस पर कांग्रेस के संविधान के अनुसार निर्णय लिया जाना चाहिए.
इस वजह से बुलाई गई थी बैठक
जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी. कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था. इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे.