अतिसंवेदनशील जगरगुंडा पहुंचे प्रदेश के उद्योग मंत्री प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री लखमा ने आज शीतला माता मंदिर तथा गांव के देवी देवताओं के पूजा अर्चना कर श्री श्री श्री कन्नपराज परगना मेला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है आज लगभग 24 वर्षों के बाद जगरगुंडा में मेला का आयोजन किया जा सका है। मेले से यहां के स्थानीय निवासियों की आस्था, उनकी संस्कृति और परंपरा जुड़ी हुई है। यह सब संभव हो पाया है माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में, जिन्होंने हर पल बस्तर के आदिवासियों के हित में चिंतन किया है और लगातार बस्तर के विकास के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि निर्दोष आदिवासी जो जेल में बंद हैं आज हम उन निर्दोष आदिवासी भाइयों को जेल से बाहर निकालने के लिए निरंतर प्रयासरत है। बुर्कापाल के निर्दोष ग्रामीणों को भी रिहा कराने की पहल की जा रही है।
हाई स्कूल भवन का किया उद्घाटन
सलवा जुडूम के दौरान क्षतिग्रस्त हो चुके स्कूल और आश्रम शालाओं को पुनः स्थापित किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में आज मंत्री श्री कवासी लखमा ने जगरगुंडा में 1 करोड़ 12 लाख की लागत से तैयार स्कूल भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की वर्षों से गांव में स्कूल नहीं होने से बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित रहे, अब गांव में ही स्कूल खुल जाने से सभी बच्चे शिक्षा से जुड़े रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने जगरगुंडा में कन्या आश्रम खोलने की घोषणा भी की। क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग पर जगरगुंडा को तहसील बनाने का आश्वासन दिया।
ताड़मेटला आगजनी से प्रभावित ग्रामीणों को दिए गए 4 करोड़ 98 लाख रुपए
वर्ष 2011-12 के दौरान नक्सली हिंसा में ताड़मेटला, तीमापुरम, मोरपल्ली गांव के 249 परिवारों को आगजनी का सामना करना पड़ा था, जिसमें इन ग्रामीणों के घर आग में जल कर खाक हो गए थे। आज मंत्री श्री लखमा ने इन पीड़ित ग्रामीणों के प्रति संवेदना जताते हुए प्रत्येक परिवार को 2-2 लाख रुपए प्रदान किया। इसके तहत उन्होंने पीड़ित ग्रामीणों को चेक प्रदान कर किया। इस तरह से आगजनी से प्रभावित ग्रामीणों को 4 करोड़ 98 लाख रुपए आबंटित किए गए।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य आदम्मा मरकाम, करतम मुया, सुकमा नगरपालिका परिषद अध्यक्ष जगन्नाथ साहू, कवासी मंगलराम, रजनु नेताम, सरपंच, उपसरपंच, पंच सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। जिला पंचायत सदस्य आदम्मा मरकाम ने भी ग्रामीणों को संबोधित किया और कहा की शासन की मंशानुरूप सुकमा जिले का चंहुमुखी विकास किया जा रहा है। जिस क्षेत्र के ग्रामीणों में नक्सली हिंसा का भय था, आज वहां शासन प्रशासन और सुरक्षा बलों के प्रयासों से वर्षों बाद मेले का आयोजन संभव हो सका है। जिससे ग्रामीणों में उत्साह साफ नजर आता है।