मिशन जीवन रक्षा के तहत एस पी जे आर ठाकुर की पहल पर 50 गांव के चयनित 200 से अधिक युवाओं को आज दुर्घटना के समय लोगों की जान बचाने का प्रशिक्षण डॉक्टरों से दिलवाया गया.विशेष रुप से दुर्घटना जन्य क्षेत्रों तथा नेशनल हाईवे के किनारे के गांवो से चयनित किए जहां के पांच पांच युवाओं को फर्स्ट एड तथा इमरजेंसी कंडीशन मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजू दृतलहरें तथा डॉक्टर महिलांगे ने इन युवाओं को चोट की गंभीरता पहचानने उसकी मरहम पट्टी करने फ्रैक्चर होने पर बिना तकलीफ अस्पताल तक पहुंचाने का प्रशिक्षण दिया वही एस पी जे आर ठाकुर ने उन्हें दुर्घटना होने पर कैसे एंबुलेंस आने से पहले भी घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा सकता है इसके बारे में बताया।
खास बात यह है कि पुलिस विभाग इन 200 युवाओं को फर्स्टएड किट भी प्रदान करने जा रहा है एस.पी.जे.आर ठाकुर ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या कमु लाना है।गरियाबंद में आज गुडसेनेरिटन की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया जिसमे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के उद्देश्य से गरियाबंद के एस पी जे आर ठाकुर के नेतृत्व में कुछ अलग पहल हेतु आज आयोजित किया गया जिसमे दुर्घटना के समय प्राथमिक उपचार के प्रशिक्षण के दौरान श्री ठाकुर ने बताया कि किसी भी दुर्घटना के शुरुआती 40 मिनट बेहद अहम होते हैं.
जिले की भौगोलिक स्थिति के चलते कई बार एंबुलेंस पहुंचने में देर होती है ऐसे में किस तरह लोगों की जान बचाने तुरंत घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा सके इस सोच के साथ मिशन जीवन रक्षा की शुरुआत की गई है।
जान बचाने वाले युवाओं को भविष्य में सम्मानित भी किया जाएग उन्होंने आगे बताया कि अगर हर गांव में 5 युवाओं को इस काम से जोड़ा जाए तो अधिकांश दुर्घटनाओं में प्राथमिक उपचार 10 मिनट के भीतर उपलब्ध कराया जा सकता है बस इसी प्रयास में विभाग हैं।
एस पी ने लोगों से शराब का सेवन कर वाहन चलाने से रोकने के लिए भी लोगों से अपील की वहीं बालकों को वाहन न देने और वाहन की गति कम रखने हेलमेट पहनने की भी अपील की।प्रशिक्षण के दौरान विशेष रूप से एडिशनल एसपी चंद्रेश ठाकुर पुष्पेंद्र नायक आर आई उमेश राय थाना प्रभारी सत्येंद्र श्याम के साथ स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस विभाग के कई अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।