प्रतापपुर विधानसभा को राजस्व जिला बनाने कि मांग को लेकर प्रतापपुर का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास स्थान पर पहुंचा। इस विषय पर प्रतिनिधि मंडल में शामिल जनपद पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि संजीव श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि रियासत काल में प्रतापपुर सरगुजा कि राजधानी रह चुका है तथा प्रतापपुर को जिला बनाने हेतु यहां कि जनता लगभग 40 वर्षों से मांग कर रही है जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
ज्ञापन में प्रतापपुर कि भौगोलिक स्थिति कि जानकारी देते हुए बताया गया है कि प्रतापपुर छेत्र के कई ग्रामीण इलाकों कि दूरी जिला मुख्यालय सुरजपुर से 100 किलोमीटर से भी अधिक पड़ती है तथा प्रतापपुर से डौरा तहसील 22 व बिहारपुर 80 किलोमीटर कि दूरी पर है। जबकि जिला मुख्यालय से डौरा तहसील 90 व बिहारपुर तहसील 120 किलोमीटर दूर है। ज्ञापन में प्रतापपुर के आसपास कि सभी तहसीलों जिनमें वाड्रफनगर भी है को प्रतापपुर में शामिल कर जिला बनाने क मांग की गई है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि प्रतापपुर छेत्र कि आबादी 3 लाख से भी ऊपर है एवं प्रतापपुर कि जनता का कहना है कि मुख्यमंत्री पर विश्वास करते हुए यह आशा रखते हैं कि वे 6 मई को अपने प्रतापपुर प्रवास पर प्रतापपुर को पूरी प्राथमिकता देते हुए राजस्व जिला बनाने कि घोषणा करेंगे।
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प्रतिनिधि मंडल में आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवभजन सिंह मरावी, जनपद पंचायत अध्यक्ष जगत लाल आयाम, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि संजीव श्रीवास्तव, माता राजमोहनी देवी आश्रम के अध्यक्ष त्रिभूवन सिंह टेकाम, विधायक प्रतिनिधि अवधेश सिंह, भूपेन्द्र सिंह, लालू खान, शशि कुमार, जीशान खान, मनीष गुप्ता व दीपक चंद मित्तल शामिल रहे।
मुख्यमंत्री निवास में गूंजा प्रतापपुर को जिला बनाने का नारा
मुख्यमंत्री के सामने प्रतापपुर के प्रतिनिधि मंडल में शामिल सदस्यों ने भूपेश हैं तो भरोसा है व प्रतापपुर को जिला बनाने के नारे लगाए जिस पर मुख्यमंत्री ने हाथों में माइक लेकर प्रतापपुर के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि उन्होंने प्रतापपुर कि आवाज सुन ली है तथा इस विषय पर वे जल्द ही विचार करेंगे ।