
शनिवार की दोपहर रायपुर में अचानक दर्जनों महिलाएं और पुरुष हुल्लड़ करते हुए CM आवास के करीब पहुंच गए। मौके पर मौजूद पुलिस इन्हें रोक नहीं पाई। बैरिकेडिंग हटाते हुए नारेबाजी करते हुए यह सभी प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री निवास के गेट से पहले पहुंच गए। आम लोगों की आवाजाही के लिए ये रास्ता बंद है। घटना के बाद रायपुर एसएसपी ने कहा कि भीड़ को सीएम हाउस के पहले गेट के बाद ही रोक लिया गया था।
प्रदर्शनकारियों के गुस्से के आगे पुलिस का जोर नहीं चल सका और भीड़ बेरिकेडिंग के अंदर दाखिल हो गई। आमतौर पर मुख्यमंत्री निवास के आसपास करीब 500 मीटर पहले ही पुलिस ऐसे प्रदर्शनकारियों को रोक देती है, मगर शनिवार को ऐसा नहीं हो सका। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का कोई काबू नहीं चला और वे मुख्यमंत्री निवास के करीब पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को यहां से खदेड़ा।
लाभांडी इलाके में बसी बस्तियों को तोड़ा जाना है। यहां से लोगों को विस्थापित किया जाएगा । यह सभी प्रदर्शनकारी उन्हीं बस्तियों के रहने वाले लोग थे जो अपने मकानों पर हो रही कार्रवाई को गलत ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। तय कार्यक्रम के मुताबिक इन्हें कलेक्ट्रेट जाना था। लेकिन अचानक लोग पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ गए। यहां अचानक भीड़ बेकाबू हुई और सीएम हाउस के अंदर के रास्ते की ओर बढ़ने लगी। जिला प्रशासन के अफसर फिलहाल प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उनकी मांगों से संबंधित चर्चा कर रहे हैं।
एसएसपी बोले- पुलिस ने पूरे संयम से काम लिया और व्यवस्था संभाली
इधर इस मामले को लेकर रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि ग्राम सेरिखेड़ि के कुछ अवैध क़ब्ज़ाधारियों को 21 मार्च तक क़ब्ज़ा हटाने नोटिस जारी किया गया था। जिसके विरोध में शनिवार को कुछ लोग ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट आ रहे थे। इनकी अगुवाई सेरिखेड़ि उप-सरपंच अनिल शर्मा, उसका भाई सुनील शर्मा (भाजयुमो महामंत्री) और अविनाश बॉबी कश्यप (भाजपा ज़िला ग्रामीण अध्यक्ष) कर रहे थे। ज्ञापन लेने के लिए कलेक्ट्रेट में अधिकारी भी उपस्थित थे। मगर कलेक्ट्रेट पहुंचने के पहले ही स्वर्ण जयंती तिराहे के पास ये लोग कलेक्ट्रेट का रास्ता छोड़ मुख्यमंत्री निवास के स्वर्ण जयंती तिराहे के पास जाकर नारेबाज़ी करने लगे और गेट को धकेलकर मुख्य गेट की तरफ़ जाने लगे। इसके बाद अतिरिक्त बल बुलाकर व्यवस्था ठीक कराई गई। कुछ प्रदर्शनकारियों के धक्का मुक्की से पुलिस अधिकारियों और जवानों को चोट भी आई है। तय कार्यक्रम से अनावश्यक हटकर प्रदर्शन कर क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ की जा रही है।