छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने होलिका दहन की रात एक युवक की हत्या कर दी है।युवक को उसके घर के बाहर ही धारदार हथियार से वार कर मारा गया है। वारदात को अंजाम देने के बाद माओवादी जंगल की तरफ ही लौट गए। हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। मामला जिले के मद्देड़ थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, भोपालपटनम ब्लॉक के नक्सल प्रभावित गांव अंगमपल्लीगुड़ा के रहने वाले यालम शंकर की हत्या की गई है। बताया जा रहा है कि करीब 4 से 5 की संख्या में ग्रामीण वेशभूषा में नक्सली पहुंचे थे। उन्होंने शंकर को पहले घर से बाहर निकाला फिर सीने में धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।
डेढ़ सालों में इतने लोगों को मारा
17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जनअदालत लगाकर 2 युवकों की हत्या की थी।
21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जनअदालत लगा उसकी हत्या की थी।
साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर गला रेत का हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।
साल 2020 में सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर जनअदालत लगा उसकी हत्या कर दी थी।
नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जनअदालत लगाकर माओवादियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इनपर भी पुलिस मुखबिरी योय आरोप लगाया था।
नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जनअदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी।
जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जनअदालत लगाकर मारा।
जनवरी 2022 में ही बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र में अपने ही 2 साथी भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी पर पुलिस मुखबिरी का शक कर उन्हें भी जन अदालत लगा कर मौत की सजा दी।
10 फरवरी को माओवादियों ने दंतेवाड़ा जिले के टेटम में एक युवक की हत्या कर दी थी।