छत्तीसगढ़बड़ी खबर

मेहनत सफलता का मूलमंत्र है – पद्मश्री राधेश्याम बारले,लुप्त हो रही विधाओं को उभारने के लिए खूब मेहनत कर रहे पद्मश्री बारले

राजिम। पंथी नृत्य के कलाकार पद्मश्री राधेश्याम बारले राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्यमंच में शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम समाप्ति के बाद मीडिया सेंटर में चर्चा करते हुए बताया कि 9 वर्ष की उम्र से ही पंथी नृत्य करना सीख लिया था। परिवार में सभी लोग कला से जुड़े हुए है। वे पिता समारूराम बारले को अपना गुरू मानते हैं। नवंबर 2021 में राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री का खिताब मिला है। उन्होंने बताया कि अभी तक हिन्दुस्तान के कोने-कोने में प्रस्तुति दे चुके हैं।

पिछले 29 वर्षो से पंथी के कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण शिविर भी चला रहे हैं। चिकारा, खड़े साज, खंझेरी आदि लुप्त विधाओं पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करते है। बताया कि गुरू घासीदास बाबा के महिमा का गुणगान पंथी नृत्य एवं गीत के माध्यम से किया जाता है। महापुरूष किसी एक विशेष जाति एवं समुदाय के लिए नहीं होते, बल्कि उनके बताए मार्ग पर चलकर सभी समुदाय के लिए अपने जीवन को सफल बनाते है। उन्होंने बताया कि पंथी के 65 हजार से भी अधिक कलाकार है, जिन्होंने विश्व रिकार्ड बनाया है। वर्तमान में हर एक की जुबान पर पंथी गीत सुनने को मिलता है, यह छत्तीसगढ़ की धरोहर है।

इन्हें व्यक्त करने के लिए विशेष पर्व, त्यौहार की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि कोई भी समय इनकी झलक देखने को मिल जाती है। श्री बारले ने कहा कि कलाकारों के हित के लिए सरकार गंभीर है, जो इस मंच पर प्रस्तुति देखने से स्पष्ट रूप से पता चलता है। उन्होंने कहा कि खूब मेहनत करें, सफलता का यही मूलमंत्र है। आज प्रचार-प्रसार के अनेक साधन हो गये है बावजूद इसके मंचीय प्रस्तुति से जो शबासी मिलती है उसे बखान करना बहुत ही मुश्किल है।

rjnewslive

Get live Chhattisgarh and Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. rjnewslive.com collects article, images and videos from our source. Which are using any photos in our website taking from free available on online.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button