शाहरुख ने दुआ मांगकर लता के शरीर पर फूंक मारी या थूक मारी ?, क्या नफरती सोच वाले घिनौना खेल खेलने लगे, देखिए

रविवार, 6 फरवरी की शाम महान गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का मुंबई के शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार से पहले फिल्म और राजनीति जगत के तमाम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद कई लोग शाहरुख (Shahrukh Khan) खान को बुरा-भला कहने लगे, तो कई उनका बचाव करते नजर आए.
मामला क्या है?
रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ लता जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. शाहरुख और पूजा दोनों एक साथ लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने मंच पर चढ़े थे. मैनेजेर पूजा ददलानी वहां हाथ जोड़कर खड़ी हो गईं, जबकि शाहरुख खान ने पहले वहां खड़े होकर दुआ पढ़ी. फिर अपना मास्क नीचे खिसकाकर झुककर पार्थिव शरीर पर फूंक मारी. शाहरुख के इस तरीके पर कई लोगों ने सवाल उठाया है. कई लोग उसे थूकना समझ रहे हैं.
आइये जानते हैं कि ट्विटर पर लोगों ने क्या लिखा. मधु किश्वर ने फूंक को थूक समझते हुए शाहरुख पर सवाल उठाए, वे लिखती हैं,
“भारत रत्न से सम्मानित एक शख्सियत के अंतिम संस्कार पर भी थूक जिहाद चल रहा है. यही है सेकुलरिज्म की शान!”
वहीं भाजपा नेता अरुण यादव ने लिखा,
“क्या इसने थूका है?”
इस दोनों के ट्वीट्स को बड़ी संख्या में लोगों ने रीट्वीट किया. ‘थूक जिहाद’ पर बातें होने लगीं. सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने इस पर एक शो भी किया. इस तरह का नैरेटिव सामने आने के बाद कई लोगों ने इस फूंक के पीछे का कारण भी बताया. ये फूंक इस्लाम में दुआ पढ़ने के बाद मारी जाती है. ये दुआ का ही एक हिस्सा है. इसमें थूकने जैसा कुछ भी नहीं है. फूंक मारने के पीछे की वजह बताते हुए अरुण बोथरा लिखते हैं,
“इस्लाम में दुआ पढ़ने के बाद फूंक मारने का रिवाज है. बच्चों को हारी-बीमारी में झाड़-फूंक करायी जाती है, ये अमूमन सबको पता है. शाहरुख खान ने दुआ पढ़ी और फूंक कर रस्म पूरी की. इतने गमगीन मौके पर बेहूदा सवाल उठाने वालों को सच का तो पता है, पर आदत से मजबूरी भी कोई चीज होती है.”
वहीं नरेंद्रनाथ मिश्रा ने भी अफवाह फैलाने वाले लोगों को लताड़ते हुए लिखा,
“स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरा देश एक साथ उनकी यादों के साथ जुड़ा रहा. सभी ने अपने तरीक़े से लता दीदी को सम्मान दिया, जिसकी वह हक़दार थीं. वह हिंदुस्तान की आवाज़ थी. अंतिम यात्रा में भी हिंदुस्तान को जोड़ कर गईं. ऐसी बेला में दुआ में भी नफ़रत खोजने वालों को इग्नोर करें.”
कुल मिलाकर इस मामले में लोगों का ये कहना रहा कि शाहरुख ने दुआ पढ़कर फूंक मारी थी ये तो स्पष्ट है, लेकिन जो नफरती तत्व हैं वो अच्छी चीज़ें देखने में असमर्थ हैं. ऐसे तमाम नफरतियों पर सोशल मीडिया ने सम्मिलित सुर में लानत भेजी है.