जनता उठा रही सवाल,जैतपुर महानदी पुल मरम्मत के मामले में विभाग पर राज्यपाल के निर्देश के बाद भी कोई असर नहीं………

बलौदाबाजार :- जैतपुर सरसीवा के बीच महानदी पर जर्जर पुल के मरम्मत का मामला सेतु निर्माण विभाग के गले की हड्डी बनती जा रही है, इस मामले को संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ की गवर्नर महोदया सुश्री अनुसुइया उइके ने भी निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी तथा मुख्य अभियंता निर्माण विभाग श्री भतपहरी को पत्र जारी कर शीघ्र इस ब्रिज का मरम्मत कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है, परंतु विभाग को राज्यपाल के निर्देश का भी कोई असर होता हुआ नहीं दिख रहा है तथा उस ब्रिज पर कभी भी बड़ा हादसा या अनहोनी हो सकती है।
क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि पानी के अंदर दो पिलरों की गिट्टी आधा झड़ गई है जिससे इस ब्रिज पर खतरा मंडराने लगा है विभाग 2 साल से मरम्मत हेतु सिर्फ कागजी प्रक्रिया कर रहा है कुछ दिनों पहले इस मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ नंद कुमार साय ने अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मामले को संज्ञान में लिया था इतना ही नहीं कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका को देखते हुए स्वयं राज्यपाल महोदय से मिलकर शीघ्र इस ब्रिज के मरम्मत को लेकर चर्चा भी की थी जिस पर राज्यपाल महोदया ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तथा लोगों के जानमाल के नुकसान की आशंका को देखते हुए निर्माण विभाग के सचिव तथा मुख्य अभियंता को पत्र भी जारी किया था परंतु विभाग द्वारा राज्यपाल के निर्देश को भी अनदेखी किया जा रहा है।
इस मामले पर अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ नंदकुमार साय का कहना है कि अगर ब्रिज कार मरम्मत नहीं करा सकते हैं तो मरम्मत होने तक भारी वाहनों के आवागमन पर इसके प्रयोग पर कम से कम अंकुश ही लगा देना चाहिए, अन्यथा फिर वर्तमान सरकार द्वारा लोगों की मौत की कीमत मुआवजे के रूप में लगाया जाएगा और इतना कुछ होने के बावजूद भी जानबूझकर की जा रही लापरवाही शासन के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है तथा इसके लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ सड़क पर उतरकर बड़े जन आंदोलन की भी शीघ्र तैयारी चल रही है।
बहरहाल देखना यह है कि समय रहते शासन और प्रशासन इस ब्रिज का सुधार कार्य कर लेती है अथवा भविष्य में होने वाली किसी अनहोनी का इंतजार किया जा रहा है।