
दंतेवाड़ा:-स्थानीय भर्ती को लेकर हमेशा से दंतेवाड़ा के दूर अंचल के पढ़े लिखे युवाओं में उत्साह देखा जाता है,मानो कि अंधेरे में कही दूर से रोशनी आइ हो और अब हमारे घरों और गाँव में उजाला होगा लेकिन हमेशा की तरह उनके क़िस्मत में दिया तले अंधेरा होता है और ये जिला में पहली बार नही कई समय से चला आ रहा है लेकिन आज तक का ना कोई शासन ना प्रशासन के डायरी में इस समस्या का समाधान नहीं लिखा गया है दंतेवाड़ा ज़िला के स्थानीय बेरोज़गार युवकों की पहचान कर उनको मौक़ा देने के बजाय आउट शोर्सिंग कर स्थानीय बेरोज़गार युवकों को छलने का काम करते आ रही है इसका सबसे बड़ा प्रमाण हमारे प्रदेश के आर्थिक संतुलन बनाए रखने वाला दंतेवाड़ा जिला का नवरत्न पूरे विश्व में एक अलग पहचान रखने वाला बचेली , बैलाडीला लोह खदान का है जो कई रोज़गार का अवसर खोल स्थानीय बेरोज़गार युवाओं को दिया जा सकता है लेकिन इस पर भी आऊट सोर्शिंग के चलते ताला लगा हुआ है जिसकी चाबी भी शासन प्रशासन के पास ही है जिसका पता आंदोलन या किसी माध्यम से बेरोज़गार युवा लगाने की कोशिश करता है तो उनको दबाने के लिए कई नए नियम सामने रख दिया जाता है जानकारी के अभाव में युवा हमेशा पिछड़ जाते है और ग़लत रास्ता चुनने को मजबूर होते है जो कि समाज और देश के लिए ख़तरा का संकेत है।
इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय बेरोज़गारों को प्राथमिकता दिया जाना चाहिय ऐसा नही होता है तो 18 मूल बस्तरिया समाज दंतेवाड़ा युवाओं द्वारा इसका विरोध कर पूरे ज़िले भर में उग्र आंदोलन करने के लिय तैयार है