
रायपुर: नशीली दवाओं की तस्करी और अवैध व्यापार के एक बड़े मामले में रायपुर की विशेष NDPS अदालत ने सोमवार को आठ आरोपियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने अपने फैसले में कहा कि इस अपराध का समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, इसलिए दोषियों को कठोर दंड दिया जाना आवश्यक है।
बता दें कि यह मामला थाना आज़ाद चौक से संबंधित है। पुलिस ने अक्टूबर 2022 में कार्रवाई करते हुए विभिन्न स्थानों से भारी मात्रा में नशीली दवाएँ बरामद की थीं। इनमें ट्रामाडोल कैप्सूल, अल्प्राजोलाम टैबलेट और कोडीन युक्त सिरप शामिल थे। जब्त की गई दवाओं की मात्रा व्यावसायिक स्तर से कई गुना अधिक थी, जो आरोपियों के संगठित नेटवर्क में शामिल होने की पुष्टि करती है।
अदालत ने जिन आठ आरोपियों को दोषी करार दिया है, उनमें नियाउद्दीन उर्फ विक्की, जे. भास्कर राव, रविन्द्र गोयल, मुकेश कुमार साहू, मोहम्मद हसन, साहिल हसन, आकाश विश्वकर्मा और विरल पटेल शामिल हैं। इन सभी को NDPS एक्ट की धाराओं के तहत 10 से 15 साल तक का कठोर कारावास और एक से डेढ़ लाख रुपये तक का आर्थिक दंड सुनाया गया है।
दोषी करार दिए गए आरोपियो की सजा और जुर्माना
नियाउद्दीन उर्फ विक्की – 10 साल कठोर कारावास + ₹1 लाख जुर्माना।
जे. भास्कर राव – 10 साल कठोर कारावास + ₹1 लाख जुर्माना।
रविन्द्र गोयल – 15 साल कठोर कारावास + ₹1.5 लाख जुर्माना।
मुकेश कुमार साहू – 15 साल कठोर कारावास + ₹1.5 लाख जुर्माना।
मोहम्मद हसन – 15 साल कठोर कारावास + ₹1.5 लाख जुर्माना।
साहिल हसन – 15 साल कठोर कारावास + ₹1.5 लाख जुर्माना।
आकाश विश्वकर्मा – 10 साल कठोर कारावास + ₹1 लाख जुर्माना।
विरल पटेल – 10 साल कठोर कारावास + ₹1 लाख जुर्माना।
विशेष लोक अभियोजक केके चंद्राकर ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों से बड़ी मात्रा में नशीला माल जब्त किया। मोहम्मद हसन और साहिल हसन से एक लाख से ज्यादा की संख्या में ट्रामाडोल कैप्सूल बरामद हुए, वहीं रविन्द्र गोयल और मुकेश कुमार साहू के पास से भी हजारों कैप्सूल मिले। नियाउद्दीन और भास्कर राव से टैबलेट और सिरप की खेप पकड़ी गई। कुल मिलाकर यह जब्ती करोड़ों रुपये की नशीली दवाओं से जुड़ी हुई थी।
कोर्ट ने अपने अवलोकन में कहा कि यह गिरोह संगठित तरीके से काम करता था और इसके तार मुंबई से लेकर पाकिस्तान तक फैले होने की आशंका है। इस तरह के अपराध न सिर्फ युवाओं के भविष्य को बर्बाद करते हैं बल्कि पूरे समाज के लिए खतरा बनते हैं। न्यायालय ने माना कि दोषियों के खिलाफ कठोर दंड ही समाज में सही संदेश देगा और ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाएगा।
पुलिस और EOW अधिकारियों ने अदालत के इस फैसले को नशे के खिलाफ बड़ी सफलता करार दिया है। उनका कहना है कि यह निर्णय आने वाले समय में इस तरह के अपराधों को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा।