छत्तीसगढ़देशबड़ी खबर

कटेंगे 741 पेड़, झारसुगुड़ा के बाद नागपुर तक बिछेगी चौथी लाइन, झारसुगुड़ा तक चौथी लाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा…

RAIPUR: बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक चौथी लाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। अब नागपुर तक लाइन बिछाने का काम जल्द शुरू होगा। रेल सुविधा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए 741 पेड़ काटे जाएंगे। कटाई की अनुमति मिलने के बाद अब रेलवे ने बिलासपुर वनमंडल को इसका जिम्मा सौंपा है। इसके अलावा कटाई से लेकर परिवहन में जितना खर्च आएगा, वह रकम भी जमा कर दी गई है। रेलवे में अभी चौतरफा अधोसंरचना से जुड़े कार्य हो रहे हैं। सुविधाओं के विस्तार के लिए यह जरूरी भी है। रेलवे की महत्वाकांक्षी रियोजनाओं में एक बिलासपुर-नागपुर चौथी रेल लाइन को अतिशीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

नई लाइन से ट्रेनों की गति बढ़ेगी और समयबद्वता में सुधार आएगा। हालांकि यह कार्य तभी पूरा हो सकता है, जब लाइन बिछाने का रास्ता साफ होगा। दरअसल इसमें कुछ पेड़ आ रहे हैं। रेलवे के पास इन पेड़ों को काटने का अधिकार नहीं है। इसके लिए अनुमति की आवश्यकता होती है। अनुमति मिलने के बाद वन विभाग को इसकी जिम्मेदारी देने का प्रवधान है। दाधापारा से दगौरी तक क्षेत्र बिलासपुर वनमंडल के अंतर्गत आता है।

9.20 किमी में आ रहे 322 वृक्ष

बिल्हा से दगौरी तक 6.50 किमी 419 वृक्ष और दाधापारा से बिल्हा तक 9.20 किमी में 322 वृक्ष हैं। जब तक इन वृक्षों को नहीं हटाया जाएगा, लाइन बिछाने का कार्य पूरा होना संभव नहीं है। रेलवे ने बिल्हा अनुविभागीय अधिकारी को जानकारी देने के साथ वन विभाग को भी अवगत कराया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी व उप वनमंडलाधिकारी से प्राप्त विदोहन प्राकलन प्रतिवेदन के आधार पर विभाग को रेलवे ने 32 लाख 41 हजार 829 रुपये जमा कर दिया है। रेल प्रशासन ने यह राशि 14 दिसंबर को जमा कर दी है।

रेलवे 10 गुना लगाएगा वृक्ष

वन विभाग जल्द ही कटाई व परिवहन का कार्य प्रारंभ करेगा, ताकि चौथी लाइन बिछाने में किसी तरह की अड़चन न आए। इस लाइन को बिछाने का काम पूरा होने के बाद ट्रेनों के परिचालन में काफी सुधार आएगा। यात्रियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। अभी रेल लाइन की कमी के कारण अलग-अलग सेक्शन में ट्रेनें बाधित होती हैं। जितना अधिक लाइन का विस्तार होगा, यह समस्या दूर होगी। नियमानुसार काटे गए वृक्षों के एवज में 10 गुना अधिक वृक्ष लगाए जाएंगे। उनकी देखभाल व सुरक्षा – नियमों का पालन भी किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button