सीडब्ल्यूसी में हिस्सा लेते हैं भुपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस की बैठकों में क्यों नही बुलाये जाते? सीएम की नाराजगी से प्रदेश संगठन में बदलाव के मिल रहे हैं संकेत।

रायपुर :- छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी में आने वाले दिन में क्या बड़ा बदलाव हो सकता है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रदेश कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठकों में आमंत्रित न करना और संगठन की सरकार से अलग लाइन बनाने की कोशिश प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर भारी पड़ सकती है।
भूपेश बघेल शनिवार को काँग्रेस कार्यसमिति की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। उन्हें मुख्यमंत्री होने के नाते कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक बॉडी की बैठक में बुलाया गया है। लेकिन प्रदेश की बैठकों में न बुलाये जाने की शिकायत उन्हें खुद करनी पड़ी। इसके पहले पार्टी के विधानसभा में नेता को बुलाने की परंपरा रही है। खुद बघेल अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के नेता प्रतिपक्ष को बैठकों में बुलाते थे। उल्लेखनीय है कि बघेल को गांधी परिवार के करीबी नेता के तौर पर देखा जाने लगा है। छत्तीसगढ़ में खींचतान की लगातार कोशिश के बावजूद बघेल का कद बढ़ा है। पार्टी ने उत्तरप्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। इसके पहले असम में भी पार्टी की तरफ से बघेल को चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई थी।
यूपी में प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री बघेल को रणनीतिक सहयोगी के तौर पर अपने साथ रखना चाहती थीं। इसकी एक बड़ी वजह उनकी सांगठनिक क्षमता है। इसके अलावा बघेल पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में कांग्रेस के लिए उत्तरप्रदेश में काफी मददगार हो सकते हैं।
ऐसे में छत्तीसगढ़ में संगठन की ओर से मुख्यमंत्री बघेल की अनदेखी और घेराबंदी के प्रयास को काफी गंभीरता से देखा जा रहा है। कहा जा रहा है जिस नेता की सीडब्ल्यूसी में उपयोगिता है। तमाम अहम जिम्मेदारियों से जिसे नवाजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी संगठन के लंबे अनुभव के साथ मुख्यमंत्री बने व्यक्ति का लाभ आखिर पार्टी क्यों नही लेना चाहती।
गौरतलब है कि इस बार छत्तीसगढ़ संगठन की बैठक में प्रभारी महासचिव पी एल पुनिया के सामने ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें पार्टी की बैठकों की जानकारी नही दी जाती। इसके बाद से तरह – तरह की अटकलों का बाजार गर्म है।