रायपुर कलेक्टर के द्वारा 18 तारिक को पूरे जिले भर में 21तारिक के रात से लॉकडाउन करने की घोषणा की गई, जिसके बाद इसका असर पूरे खरोरा के मार्किट में दिखाई दी, लगातार दो दिनों तक खरोरा का मार्केट भीड़ से भरा रहा, लोग सामान लेने की जल्दबाजी में सभी प्रकार की नियमो की धाज्जियाँ उड़ाते रहें। लोगो को समान लेने कि धुन में किसी भी प्रकार से संक्रमण का डर नही दिखा। वहीं 21 तारिक के रात 8:30 बजे से ही प्रशासन की सख्ती दिखाई देनी शुरू हो गयी थी, प्रशासन के द्वारा रात से ही सभी दुकाने बंद करवाने की शुरुवात कर दी गयी थी जिसके बाद खरोरा की पुलिस की सख्ती और खरोरा के व्यपारी संघ की सहभागिता से सभी दुकाने 9 बजे ही बंद हो गयी थी।
खरोरा नगर में 22 तारिक के सुबह 5 बजे से ही प्रशासन की सख्ती के चलते लोगो में एक दहसत का माहौल बना रहा, जिसके कारण से लोगो को घर से बाहर निकलना खतरों से खाली नही लगा। जिसके कारण से लॉकडाउन की शुरू दिन से ही खरोरा में एक अनुशासनप्रिय तरीके से लॉकडाउन रहा। वहीं सभी लोगो ने लॉकडाउन को सफल बनाने में अपना अहम योगदान प्रदान किया। लेकिन खरोरा के निकट आस-पास के ग्रामीण इलाकों में इस लॉकडाउन का असर बेअसर होते हुए नजर आया, इस लॉकडाउन में प्रशासन ग्रामीण इलाकों तक सख्ती बरतने में नाकामयाब होती नजर आ रही है। आज भी ग्रामीण इलाकों के लोग इस लॉकडाउन को मानने को तैयार नही है, और खरोरा के आस-पास के कई गांवों तो ऐसे है जहां लॉकडाउन के बाद भी दिनभर दुकाने खुली रही, और उन दुकानों को पंचायत के द्वारा बंद भी नही कराया गया।