रेस्क्यू सेंटर मे दो हाथी शावकों के मौत पर राजनीति गर्म दोषियों पर कार्यवाही करने पीसीसीएफ वाइल्ड लाईफ से मिले आदीवासी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव शिवभजन मराबी व युंका नेता

प्रतापपुर / तमोर पिंगला अभ्यारण्य के रेस्क्यू सेंटर मे अज्ञात वायरस से चौबीस घंटे में दो शावकों की मौत से वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी सदमें में तो हैं ही,आज भारतीय वन सेवा अधिकारी पीवी नरसिंह राव प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) रेसक्यू सेंटर का जायजा लेने पहुंचे थे इसी बीच वहां आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव शिव भजन मराबी , युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अनुप गुप्ता प्रियंकल तिवारी अमित पांडे सहीत ग्रामीण पहुच कर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ को ज्ञापन सौपकर हाथी शावको को लापरवाही से मारने का आरोप लगाया है वहीं दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के उपर कार्यवाही करने की मांग कर दी है वही इनके द्वारा बताया गया की महावत एक सप्ताह पहले ही अधिकारियों को हाथी शावकों के बिमार होने की सुचना अधिकारियों को दे दी गई थी फिर भी उसे गंभीरता से नही लिया गया और शावकों की मौत हो गई इनके द्वारा मांग किया है की लापरवाही करने विले अधिकारियों के उपर निलबंन की कार्यवाही की मांग की गई है

गौरतलब है कि सूरजपुर जिला के प्रतापपुर के रमकोला में स्थिति रेस्क्यू सेंटर में पांच कुमकी हाथियों के साथ दो अन्य हाथियों को रखा गया है।. युगलक्ष्मी और गंगा से पैदा हुए रेवा और लक्ष्मण भी हैं जिनकी मौत हो गई है।बुधवार की दोपहर में लक्ष्मण की तबियत खराब होने के बाद अज्ञात वायरस से उसके संक्रमित होने की बातें आईं थी और उस वायरस के HV-1 होने की सम्भवना व्यक्त की गई थी।तमाम कोशिशों और इलाज के बाद लक्ष्मण इस वायरस से हार गया था और गुरुवार की शाम को उसकी मौत हो गई थी।
उसकी मौत के बाद दूसरे शावक रेवा में भी संक्रमण की संभावना से उसे अलग रख इलाज किया जा रहा था,बाकी हाथियों को भी सौ मीटर दूर बांध दिया गया था और वायरल रोकने कई प्रकार के सेनेटाइजर का छिड़काव किया जा रहा था।रेवा के इलाज और संक्रमण की सम्भवना को देखते हुए और चिकितसको की टीम यहां पहुंच गई थी।सुबह तक की स्थिति में रेवा की स्थिति सामान्य लग रही थी और लग रहा था कि बीमारी नियंत्रण में है लेकिन आज दोपहर डेढ़ बजे करीब उसने भी दम तोड़ दिया।अभी HV-1 के लिए लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट तो नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि यही वायरस है क्योंकि संक्रमित होने के बाद यह तेजी से असर डालता है और सम्भलने का मौका नहीं देता।बरहाल चौबीस घंटे में दोनों शावकों की मौत से वन विभाग सकते में आ गया,अब सबसे बड़ी चिंता बाकी हाथियों को लेकर हो गई है कि वे भी संक्रमित न हो गए हों।रेवा के मौत की जानकारी सूत्रों से मिली है और किसी जिम्मेदार अधिकारी व चिकित्सको से बात न हो पाने के कारण वहां की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।