प्रतापपुर /मो. जिसान खान :- छत्तीसगढ़ में हाथी-मानव के बीच द्वंद्व जारी है। नतीजा, न तो हाथी के कारण ग्रामीणों की मौतों का सिलसिला खत्म हो रहा है, न आबादी वाले हिस्से में पहुंचने वाले हाथियों की मौतों की खबरों का सिलसिला कम हो रहा है। एक बार फिर सूरजपुर जिले से हाथी के एक शावक की मौत की खबर आई है
सूरजपुर जिले के हाथी के शावक की मौत की खबर आई है। नाले के पास एक दलदल में शावक की लाश मिली है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि दलदल में फंसे होने की शावक की मौत हुई है। जिले के वन परिक्षेत्र ओड़गी के जाज गांव की यह घटना बताई जा रही है, जहां ग्रामीणों ने एक नाली में हाथी के शावक को फंसे हुए देखा। करीब जाकर देखने पर पता चला कि उस शावक की मौत हो चुकी है। इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। वन अमले के घटनास्थल पर पहुंचने की खबर मिली है। बताया जा रहा है कि 24 हाथियों का दल एक सप्ताह से इस इलाके में मौजूद है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के वन्य क्षेत्रों के आसपास हाथी की मौत की यह इकलौती खबर नहीं है। जंगली हाथियों के पुनर्वास और हाथियों से होन वाली जन धन हानि से बचाव के लिए एलिफेंट प्रोजेक्ट की बातें करने वाली राज्य सरकारें अब तक इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल नहीं कर पाई हैं, लिहाजा ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं।