प्रतापपुर / प्रतापपुर विकासखंड का उप पंजीयक कार्यालय हमेशा सुर्खीयों मे रहता है कहने को तो शासन ने यहां उपपंजीयक कार्यालय तो खोल दिया है लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं हुवा है चाहे वो भवन की सुविधा हो या नियमित रुप से रजिस्टर बैठने का हो हरदम आमजनो को दिक्कत उठानी पडती है बात करे यहां रजिस्टार के पद की तो नियमित रजिस्टर नही मिलने से उप पंजीयक कार्यालय सुरजपुर के एक बाबु को यहां रजिस्टार बना कर बैठाया गया है
वो कभी कभार ही यहाँ बैठते है अभी की बात करे तो बलरामपुर जिले पंजीयक के छुट्टी फर चले जाने पर यहाँ के प्रभारी रजिस्टार को बलरामपुर का भी काम देखने रखा गया है जिससे यहां के लोगों को दिक्कत हो रही है वही बात करे उप पंजीयक कार्यालय की तो अधिकांश बिचौलिये ही हावी रहते है और एक रजिस्ट्री पर लगभग रशीद के अलावा दो से तीन हजार का शुल्क आमजनों से वशुला जाता हैं जिसमे अधिकांश हिस्सा प्रभारी रजिस्टार को मिलता.है वहीं बात करे यहाँ ठेके पर रहने वाले कर्मचारी जिनका काम पेपर स्केनीग करना है वो भी क्रेता विक्रेता से जमकर वशुली कर करते है अब देखना है की जिले के संवेदनशील कलेक्टर कया कार्यवाही करते है