
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले का सीनियर सेक्शन इंजीनियर (SSE) दफ्तर इन दिनों चर्चा में है। अब एक और महिला कर्मचारी ने SSE के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये महिला भी दफ्तर के बाहर धूप में धरने पर बैठी। आरोप लगाया है कि SSE उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। हाथ-पैर दबवाते हैं और दूसरों के साथ सोने का दबाव बनाते हैं। वहीं अफसर का कहना है कि महिला कर्मचारी शराब पीकर आती है.(Chhattisgarh)
दरअसल, यह नया मामला भी रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर मकसूद आलम से जुड़ा हुआ है। उनको पोस्टिंग हुए करीब 2 साल ही हुए हैं। अब 3 दिनों में ही दो महिला कर्मचारी उनके खिलाफ सड़क पर निकल चुकी हैं। इस बार अनुकंपा नियुक्ति पर पदस्थ महिला कर्मचारी सुंदरबाई धुर्वे ने उन पर निशाना साधा है। सुंदरबाई शनिवार को SSE कार्यालय के बाहर धूप में धरने पर बैठ गईं। करीब 5 घंटे तक उनका धरना चलता रहा.
इस दौरान सुंदरबाई धुर्वे ने आरोप लगाया कि SSE मकसूद आलम उनसे मालिश करवाते हैं। हाथ-पांव दबवाते हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते आ रहे हैं। यहां तक कि दूसरे लोगों के साथ सोने का दबाव तक बनाया जाता है। गाली-गलौज कर वेतन काटने और नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। ड्यूटी पर रहो तो भी अबसेंट लगा दिया जाता है। छुट्टी की एप्लिकेशन दो, फिर भी अनुपस्थित कर देते हैं.
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पहले वाले मामले में दूरी बनाकर रखने वाले SSE मकसूद आलम इस बार सामने आए। उन्होंने महिला कर्मचारी सुंदरबाई धुर्वे के सारे आरोपों को निराधार बताया। कहा कि वे महिला कर्मचारी को चैंबर में बुलाते ही नहीं हैं। पूरा कैंपस CCTV से कवर है। उन्होंने कहा कि स्टोर से सामान गायब हो रहा है, इसलिए चाबी नहीं देना चाहता। सुंदरबाई कार्यालय में ही शराब पीकर सो जाती है। काम पर नहीं आती है। अटेंडेंस लगाने का दबाव बनाती है.
DRM ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
इस पूरे मामले के बाद DRM ने महिला कर्मचारी से फोन बात की और कार्रवाई आश्वासन दिया। इससे पहले भी महिला क्लर्क सरस्वती चंद्रा को मिलने के लिए बुलाया था। उन्हें उनकी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए आदेशित किया है। इस संबंध में DRM ने पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि सरस्वती चंद्रा के संबंध में उचित कार्रवाई की जाए। सरस्वती चंद्रा ने ट्रांसफर के लिए भी आवेदन किया था। इस पर भी विचार करने को कहा गया है.
SSE दफ्तर में पदस्थ महिला क्लर्क सरस्वती चंद्रा गुरुवार को दफ्तर के सामने ही सड़क पर धरने पर बैठ गईं थीं। करीब 6 घंटे तक धरना चलता रहा। उन्होंने भी सेक्शन इंजीनियर मकसूद आलम पर 2 साल से उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। कहा था कि उनको प्रभार तक नहीं दिया गया है, उल्टे रोज गालियां दी जाती हैं। इस धरने के दौरान ही उनके पति को भी सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि तब भी अफसर ने आरोप झूठे बताए थे.(Chhattisgarh)
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