जब शिक्षक बने छात्र,बाल मेले में डीएव्ही के शिक्षकों ने छात्र बनकर नाटक के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ, बच्चों ने भी महापुरुषों के जीवन पर डाला प्रकाश
देवभोग। देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के प्रति प्रेम और लगाव बहुत ज्यादा गहरा था। वहीं बच्चों के प्रति उनका प्रेम आज भी याद किया जाता हैं। जहां भी बाल मेले का आयोजन हो,वहां पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद तरोताजा हो जाती हैं, वहीं बच्चे आज भी उनके नाम से झूम उठते हैं। जी हाँ ऐसा ही कुछ वाकया आज भी डीएव्ही स्कूल मुंगझर में हुआ। यहां बाल मेले का आयोजन था। बाल मेला जैसे ही शुरू हुआ,वैसे ही शाला प्रांगण में पंडित नेहरू के जयकारे के नारे से पूरा डीएव्ही प्रांगण गूंज उठा। बच्चों ने अपने प्यारे चाचा नेहरू के फोटो पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इसके बाद आयोजन में सबसे ज्यादा रोचकता शिक्षकों ने डाल दिया। यहां बाल मेले में सबसे अनोखा तस्वीर शिक्षकों का छात्र बनकर नाटक कर बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़वाना रहा। स्कूल के सभी शिक्षकों ने स्कूली बच्चों के वेश में नाटक कर कक्षा में विद्यार्थियों को कैसे अनुशासन का पालन कर पढ़ाई करना चाहिए इस पर विशेष रूप से जोर दिया। वही शिक्षकों के द्वारा किये गए नाटक ने खूब प्रशंसा बटोरा।
आयोजन में नन्हें मुन्हे बच्चों ने विभिन्न वेशभूषाओं में सजकर महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला। स्कूली बच्चों ने भगवान कृष्ण की लीलाओं से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू,भगत सिंह,महात्मा गांधी,बालगंगाधर तिलक जैसे महापुरुषों के वेशभूषाओं में सजकर सभी महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला।
सरस्वती पूजा से कार्यक्रम की शुरुवात हुई, वहीं शिक्षकों की प्रस्तुति के बाद छात्रों ने भी प्रस्तुति दिया। छोटे बच्चों ने फैंसी ड्रेस भाग लिया। वहीं कार्यक्रम के दौरान कक्षा आठवीं के बच्चों के द्वारा संस्कृत भाषा में नाटक किया गया। वहीं बच्चों ने डांस कर एक अलग ही समा बांधा। वहीं कुछ बच्चों द्वारा गीत गाकर भी प्रस्तुति दिया गया। कार्यक्रम स्कूल की प्राचार्या श्रीमती सुमिता सिंह के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। जिसमें सारे शिक्षकों की विशेष भागीदारी रहीं।