लुकेंद्र साहू, महासमुंद
निखिलकांत साहू पार्षद ने विज्ञप्ति के माध्यम से जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि 23 से 30 सितम्बर तक जो सम्पूर्ण लॉकडाउन किया गया है उसमें महासमुंद की जनता ने प्रशासन को भरपूर सहयोग दे रही हैं परन्तु लॉकडाउन की तिथि 30 सितम्बर के बाद बढाई जाती है तो इसका विरोध हमारे द्वारा किया जाएगा जिसमे नो लॉकडाउन को लेकर सोशल डिस्टनसिंग के साथ गरीब,मजदूर, व्यपारी और बेरोजगार युवा विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे । स्थानीय लोहिया चोक में एकत्रित होकर नगर में पैदल मार्च किया जाएगा इस प्रदर्शन में हमे सभी वर्ग,विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त है। निखिलकांत ने कहा कि लॉकडाउन का विरोध कई महानगरों,विभिन्न राज्यों और देशो में किया जा रहा है विश्व के डॉक्टरों का संगठन भी इसे बेअसर मानता है । जब इस कोरोना काल मे बिहार जैसे राज्य में विधानसभा चुनाव सम्पन्न कराया जा रहा है तो इसका मतलब साफ है की जनता की सारी परिस्थितियों और समस्याओं दर किनार तानाशाही तरीक़े और कुछ निजी संगठनों के आधार पर लॉकडाउन थोप दिया जाता है । पहले भी मांग की गई है अगर कोरोना संक्रमण से जनता को सुरक्षित रखना है तो जिला अस्पतालों में डॉक्टरों की इतनी संख्या होने के बावजूद उनकी उपस्थिति नही दिखती मरीजों के उपचार में लापरवाही की जा रही हैं और इतने दिन से बंद पड़े वेंटिलेटर मशीन को उपयोग में नही लाया गया जिस कारण मरीजों को जबर्दस्ती मशीन न होने का बहाना मार रायपुर रिफर किया जाता हैं। अगर जनता के स्वास्थ्य की चिंता है तो आपको लॉकडाउन की जगह जिला अस्पताल लचर व्यवस्था को सुधारना होगा और साथ ही वार्ड क्लिनिक वार्डों में खोलने होंगे। लॉकडाउन से लोग डिप्रेशन में जा रहे उसका कारण आर्थिक रूप से कमजोर होना है अब लगता है कि जनता को कोरोना संक्रमण से नही आर्थिक तंगी से परेशान लोगों बचाने की नोबत आ गई हैं।