छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण हो सकता है बाधित , महाधरना से स्वास्थ्य संयोजको कि चेतावनी ।
धनेश आडिल लवन :- घोषणापत्र मे शामिल मांग को पूर्ण करे सरकार फेडेरशन , तृतीय वर्ग एवं पशु चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष का समर्थन स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छ.ग. के द्वारा राजधानी रायपुर में प्रांतव्यापी धरना प्रदर्शन किया गया , जिसमे पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के हजारो ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला पुरुष , 2nd ए.एन.एम. , स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं खण्ड प्रशिक्षण विस्तार अधिकारी शामिल हुए ।
संघ के प्रांताध्यक्ष टारजन गुप्ता एवं प्रदेश सचिव प्रवीण दीडवंशी ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक विगत 20 वर्षों से वेतन विसंगति का दंश झेल रहे है , अपने ही विभाग के समकक्ष कैडरो से वेतनमान एवं ग्रेड पे मे भारी अंतर होने से प्रतिमाह वेतन मे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है , विभाग द्वारा वेतनविसंगति दूर करने हेतु प्रस्ताव शासन को वर्ष 2015 मे प्रेषित किया गया है , साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छ.ग.शासन द्वारा वर्ष 2017 मे राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग को वेतनमान संशोधन हेतु वार्षिक बजट के साथ फाईल प्रेषित किया गया है , उसके उपरांत भी वेतनमान में संशोधन लंबित है । स्वास्थ्य संयोजक संघ के महामंत्री आर.के. अवस्थी , उप प्रांताध्यक्ष मिर्जा कासिम बेग ने बताया कि विगत भाजपा शासन के समय इन्ही मांगो को लेकर मीसल्स रूबेल टीकाकरण कार्यकम के समय 47 दिवस का अनिश्चितकालीन हडताल किया गया था जिसमे 1262 स्वास्थ्य संयोजको को बर्खास्तगी का सामना करना पड़ा था , अगर कांग्रेस सरकार द्वारा कोरोना योद्धाओं कि मांगो के संबंध में निर्णय नही लिया जाता है तो आने वाले कोरोना टीकाकरण के समय अनिश्चिकालीन आंदोलन मे जाने के लिए स्वास्थ्य संयोजक विवश है । स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के मीडीया प्रभारी हरीश सन्नाट , महिला प्रकोष्ठ सरोज बाघमार ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक प्रदेश के 5200 उप स्वास्थ्य केंद्रो मे पदस्थ है जो कि सामान्य बीमारीयों कि प्राथमिक उपचार , टीकाकरण , प्रसव , टी.वी. कुष्ठ मरीजो को दवाई उपलब्ध कराने के साथ – साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमो का संचालन करते है , स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी विगत कोरोना काल मे बिना अवकाश के स्वास्थ्य सेवाएं देने के साथ – साथ कोविड सैंपलिंग का भी कार्य कर रहें है , सारी योजनाओं मे 2nd ए.एन.एम भी कार्य कर रही है अतः सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर उनकी नियमितिकरण करने से शासन को वित्तीय भार नही आएगा । स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा कोरोना भत्ता दिए जाने कि घोषणा एवं वेतनमान में बढोतरी कि घोषणा से बहुत खुश थे , किन्तु शासन द्वारा अभी तक किसी प्रकार का भत्ता नही दिया जा रहा है ।