कल से दिल्ली में शुरू हो रही RSS की समन्वय बैठक, मोहन भागवत समेत संघ के तमाम बड़े अधिकारी होंगे शामिल
कल से आरएसएस (RSS) की समन्वय की बैठक दिल्ली में शुरू होगी. ये बैठक 3 दिनों तक चलेगी. इसमें शामिल होने सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत आज दिल्ली पहुंच रहे हैं. बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, पूर्व सरकार्यवाह सुरेश जोशी, सह सरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल, सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य और अरुण कुमार सरीखे संघ के तमाम बड़े अधिकारी शामिल होंगे. संघ के अलग अलग अनुसांगिक संगठनों के प्रमुख भी अलग अलग समय पर बैठक में शामिल होंगे. कुछ संगठनों के प्रमुख ऑनलाइन भी जुड़ेंगे.
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ प्रमुख कल से 3 दिनों तक दिल्ली में रहेंगे और संघ के विभिन्न केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ अनेकों विषयों पर चर्चा करेंगे.
बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी बैठक में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक देश और प्रादेशिक राजनीतिक विषयों पर इन दोनों से संघ प्रमुख और अधिकारियों से चर्चा हो सकती है.
कोरोना काल में आम आदमी तक पहुंचने और उनके साथ संकट में खड़े दिखने की योजना के तहत आरएसएस सेवा ही संगठन जैसे बिंदुओं पर अपने तमाम अनुसांगिक संगठनों को दिशा निर्देश दे सकता है. सेवा के क्षेत्र में अपने तमाम संगठनों को पूरी तरह जुटकर लोगों तक ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाने के लिए संघ प्रेरणा देगा.
इस क्रम में कोविड से प्रभावित समाज को संबल देने के लिए संघ प्रमुख ये निर्देश दे सकते हैं कि समाज के अधिक से अधिक गरीब और अनाथ बच्चो को विशेष तौर पर लड़कियों की पढ़ाई का जिम्मा संघ परिवार और उसके विभिन्न संगठन उठाएंगे इसके लिए each one teach one का मंत्र भी संघ प्रमुख दे सकते हैं.
अनाथ बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था
इस क्रम में देश भर में हरेक जिले में समाज के लोगों की टीम बनाकर गरीब और अनाथ बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था देने पर जोर दिया जा सकता है. संघ की योजना है कि पहले चरण में अकेले यूपी में ही 5000 बच्चो को संघ के कार्यकर्त्ता पढ़ाई लिखाई का जिम्मा उठाएंगे.
देशभर में प्राइमरी हेल्थ सेंटर की खराब स्थिति को लेकर संघ चिंतित है, इस संदर्भ में केंद्र सरकार और बीजेपी शासित राज्य सरकारों से योजना निर्माण कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को दुरुस्त करने के लिए कह सकता है ताकि गांव में चिकित्सा की हालत को ठीक किया जा सके.
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कॉन्ट्रोवर्सी के बीच आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा पद्धत्ति को लेकर संघ इस बैठक में एक बड़ा चिंतन मंथन कर सकता है. संघ ने अपने संगठन आरोग्य भारती और विश्व आयुर्वेद परिषद से पूरे आयुर्वेद बनाम एलोपैथ के मौजूदा विवाद पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और भविष्य की तैयारियों पर रिपोर्ट मांगी है. कोरोना काल में विश्व समुदाय का आयुर्वेद की ओर झुकाव इसका प्रसार भी चर्चा का महत्वपूर्ण विषय रह सकता है.
इन संगठनों से ली जा सकती है मदद
सामाजिक सरोकार के इन कामों में संघ, सरकार के अलावा समाज सेवी संगठनों और कुछ प्राइवेट एनजीओ को भी जोड़ सकता है. चर्चा इस बात पर भी हो सकती है कि कैसे मंदिरों को सामाजिक कामों में जोड़ा जाए. इस क्रम में संघ अपने अनुसांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद से देशभर के मंदिरों में रेगुलर भंडारा चलाने का टास्क भी दे सकता है.
संघ की इस बैठक में कोरोना महामारी के बीच सामाजिक जागरण चलाकर गांव और मुहल्ला के लेवल तक कमिटी बनाकर चिकित्सा और शिक्षा को जन सामान्य तक पहुंचाने की योजना बनाई जाएगी.
इस क्रम में उत्तराखंड में सामाजिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कार्यरत स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन के तर्ज पर देश के विभिन्न इलाकों में ज्यादा से ज्यादा गांव तक स्वास्थ व्यवस्था को पहुंचाने का काम की योजना भी बनाई जा सकती. कोविड के दरमियान देश भर में संघ की शाखाएं लगनी बंद हैं. इन्हें कब से और कैसे दुबारा शुरू किया जाय इसपर पर भी चर्चा हो सकती है. साथ ही कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियों और उससे निपटने की एडवांस रणनीति पर चर्चा हो सकती.