कई दशकों से सरगुजा संभाग के प्रतापपुर को जिला बनाने की हसरत है अधूरी भुपेश सरकार से थी उम्मीद लेकिन तीन वर्ष का कार्यकाल पुरा अभी तक कुछ पता नही

प्रतापपुर /मो. जिशान खान
कहां तक वक्त के दरिया को हम ठहरा हुआ देखें यह हसरत है की इन आंखों से कुछ होता हुआ देखें मशहूर शायर शहरयार की इन पंक्तियां पौराणिक व ऐतिहासिक मंदिरों का शहर प्रतापपुर को जिला बनने की बाट जोह रहे एक बड़ी आबादी की दर्द को बखूबी बयाँ करती है।
वक्त बदला हालात बदले बदल गई कई सदियां पर यह मुद्दा राजनीति के पेच-ओ-खम में उलझे होने के कारण एक बड़े भूभाग में फैला प्रतापपुर को कई दशक बीत जाने के बाद भी जिला का दर्जा नहीं मिल पाया। करीब तीन दशक से स्थानीय नागरिक ने प्रतापपुर को जिले का दर्जा दिए जाने की मांग करते आ रहे हैं।
लोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतर सकी भुपेश सरकार
स्थानीय लोगों का कहना है की किसी भी राजनीतिक दल के नुमाइंदे ने इमानदारी से इस दिशा में पहल नहीं की । हर दल के नेताओं ने चुनाव जीतने के बाद अपने वादे से मुंह मोड़ते चले गए । सभी राजनीतिक दल के नुमाइंदे इस मुद्दे को केवल वोट बटोरने का जरिया समझते रहे और यहां की भोली-भाली जनता चुनावी वायदों के जाल में उलझ कर रह गई। लगभग 30 वर्षों से संघर्षरत प्रतापपुर को जिले के रूप में स्थापित करने की हसरत आज भी आधी अधूरी है।
रेत की मानिंद बिखरते गए नेताओं के वायदे
नेताओं के हर वायदे आश्वासन और भरोसा रेत की मानिंद हर बार बिखरता गया। सरगुजा संभाग के सबसे पुराने व ऐतेहासिक प्रतापपुर में विकास के कई अनछुए पहलू अपनी जगह कायम है। हालांकि यहां के हालात में और बुनियादी सुविधाओं में परिवर्तन देखने को जरूर मिलता है फिर भी यहां अभी भी शिक्षा सड़क बिजली सिंचाई की सुविधा तथा रोजगार के क्षेत्र में बहुत काम करने बाकी है पुर्व भाजप के रामसेवक पैकरा छत्तीसगढ़ शासन मे गृहमंत्री रह चुके है और वर्तमान मे डाक्टर प्रेमसाय सिह टेकाम शिक्षा मंत्री है
क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री
प्रतापपुर विधानसभा के स्थानीय विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिह टेकाम बताते हैं कि प्रतापपुर पैदा हुव हु और यहां के मिट्टी पला बढा हु प्रतापपुर क्षेत्र अपने गौरवशाली अतीत को प्राप्त करेगा। इसे जिला बनाए जाने के लिए मैंने में आवाज बुलंद की है । सरकार की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है ।मैं भी इस दिशा मे प्रयासरत हूं।
सर्वदलीय मंच भी निष्क्रिय
छत्तीसगढ़ में 4 नए जिले बनने के बाद प्रतापपुर को जिला बनाने के लिए सर्वदलीय मंच का भी गठन किया गया था जिसमें मशाल जुलूस और मीटिंग को छोड़कर कोई ठोस पहल नजर नहीं आई इसरो सर्वदलीय मंच में भाजपा कांग्रेस के नेता जुड़े थे लेकिन कुछ ही दिन बाद सर्वदलीय मंच बिल्कुल भी निष्क्रिय हो गया अब देखना है कि भूपेश सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में क्या होता है यह तो भविष्य की बात है