आर्सेलर मित्तल का नया कारनामा, दंतेवाड़ा में लाल जहर घोलने के साथ कर रहा काले सोना की तस्करी ट्रकों से हो रहा सप्लाई…..
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जोगेश्वर नाग दंतेवाड़ा:-लोहा के रेट में आई तेजी ने एक बार फिर आलू तस्करों को जगा दिया है। लेकिन छोटे स्तर के लोहा पत्थर जिसे बस्तर में आलू माल के नाम से जाना जाता है जो बैलाडीला की पहाड़ियों व आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है जिसे लीज पर अर्सेल मित्तल निपॉन ने लिया है।
कई वर्षों से इसे ट्रकों के माध्यम से भी ले जाया जा रहा है जिसका फायदा उठाते हुए लोहा पत्थर तस्करी में सक्रिय है और इस काम को अंजाम देते हैं पकड़े गए ट्रक के कर्मचारियों ने वन विभाग को अर्सेल मित्तल निपॉन डस्ट के नाम पर लोहा पत्थर की सप्पलाई की स्क्रिप्ट लिख दिखाई।
यह खेल वनोपज नाका की जांच में खुल कर सामने आया है। बचेली से तीन गाड़ी ? डस्ट के नाम आलू माल भर कर निकली है। इन तीनों गाडियो में लाखों रुपए का आयरन ओर भरा होना बताया जा रहा है। इस बात की सूचना वन अफसरों को अपने गुप्तचरों से मिली। वन अमला सक्रिय हुआ। एक ट्रक को कर्मचारियों ने धुरली में पकड़ा और दो ट्रक को वनोपज नाका दंतेवाड़ा पातररास में पकड़ा है।
इन ट्रक वालों के पास कोई कागज भी मौजद नही था। इसके बाद भी वे एक नंबर माल होने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं एक कागज वन विभाग के कर्मचारियों को दिखाया। इसमें अर्सेल मित्तल कंपनी डस्ट होने की बात लिख रही है। बड़ा सवाल है डस्ट तो डस्ट ओडिशा नंबर की गाड़ी
कई नाके पार कर आई ये ट्रक इंट्री तक नही हुई। इन संदेहों के साथ गाड़ी का पास होना कई सवाल खड़े कर रहा है। सबसे बड़ी बात तो ये है इन तीनों ट्रकों को सभी नाकों से पार कराने के लिए ओडिश नंबर की स्कार्पियों सभी नाकों से सेटिंग गेटिंग कर निकल रहा है। अब वन अफसर इस मामले को समझ रहे हैं। फिलहाल कोई कार्रवाई होते नहीं दिख रही है।
लोगों का कहना है यदि यहां हरी झंडी मिली तो अर्सेल मित्तल निपॉन के कर्मचारी आलू माल के अवैध व्यापार वैध तरीके से धड़ल्ले से करेगें।
डस्ट में, उसमें 50 प्रतिशत से अधिक पत्थर है। यह तीनों गाड़ी ? आरती स्पंज में जाने का दावा किया जा रहा है।
मीडिया की टीम ने इस मामले को लेकर शाम तक डीएफओ व एसडीओ की बाइट लेनी चाहिए परंतु अधिकारियों ने गोलमोल जवाब दिया ।