छत्तीसगढ़देशबड़ी खबर

Chhattisgarh: वर्षों पुराने तालाब को सरपंच राखड़ से पटवाया, तो ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, कलेक्टर से की शिकायत…

सक्ती: गांव के वर्षों पुराने तालाब को सरपंच राखड़ से पटवा रहा है. इसके लिए बाकायदा एसडीएम से सरपंच ने अनुमति ली है. इस अनुमति के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर से शिकायत की है. सक्ती जिले के लोग इन दिनों राखड़ माफियाओं से काफी परेशान है. इसका एक नजारा देवरमाल गांव में देखने को मिल रहा है, जहां के सरपंच ने विकास कार्य के नाम पर गांव के तालाब को राखड़ माफिया के हाथ बेच दिया है.

Chhattisgarh: वर्षों पुराने तालाब को सरपंच राखड़ से पटवाया, तो ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, कलेक्टर से की शिकायत…
Chhattisgarh: वर्षों पुराने तालाब को सरपंच राखड़ से पटवाया, तो ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, कलेक्टर से की शिकायत…

तालाब में अब तक सैकड़ों डंफर राखड डाला जा चुका है. अब जब मामला मीडिया में आया तो सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि एसडीएम केएस पैकरा से परमिशन लेकर तालाब को पाटा जा रहा है.राखड़ के सौदागर से मिलकर गांव के सरपंच गांव की खाली पड़ी जमीन, नदी-नालों का सौदा कर मोटी रकम कमा रहे हैं. जानकार बताते हैं कि एक गाड़ी के पीछे सरपंचों को पांच सौ रुपए तक मिल रहा है, इसलिए गांव के सूखे पड़े तालाबों को सरपंच माफियाओं को सौंप रहे हैं.

तालाब में गाड़ियों के गाड़ी राखड़ डालने के एवज में बैठे-बिठाए सरपंच को लाखों रुपए की कमाई हो जाती है. मौके पर मौजूद सरपंच के भतीजे देवारी लाल जैसवाल से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि राखड़ पटवाने के लिए बाकायदा एसडीएम-तहसीलदार से परमिशन लिया गया है. भले ही इससे पहले गांव के एक डबरी को बिना परमिशन के पटवाया था. मंडी के लिए जगह नहीं होने के कारण तालाब को पाटकर मंडी बनवाया जाएगा. इसके साथ ही यहां सालों-साल तक रोजगार गारंटी का कार्य भी हुआ है.

सक्ती एसडीएम केएस पैकरा ने कहा कि तालाब में राखड़ डाला जा रहा है, तो उसकी जांच करवा लेते हैं. अगर गलत हो रहा है तो कार्रवाई करेंगे. तालाब पाटने की अनुमति देने के सवाल पर बोले कि हो सकता है दी गई हो.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button