रायपुर। महासमुंद परसकोल रोड, दीनदयाल नगर में एक शोकसभा आयोजित था। यहाँ का नजारा गमगीन करने वाला था। लेकिन, यह क्या.. यहां तो उपस्थित लोगों ने अचानक तालियां बजाना शुरू कर दिया। जब शोक सभा के पिन ड्राप साइलेंट के बीच यकायक तालियां बजने लगी। तो नजारा चौकाने वाला था। गौरतलब है कि प्रेस क्लब महासमुन्द अध्यक्ष आनंद राम साहू की माता देवकी देवी साहू का 29 अक्टूबर को देहावसान हो गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए 6 नवम्बर को शोक/श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। उनके निवास के समीप स्थित ‘मातृ छाया’ सांस्कृतिक मंच में कार्यक्रम आयोजित हुआ। जहां परिजन, मित्र मंडली, जनप्रतिनिधियों, पत्रकार साथियों के अलावा कॉलोनी और प्रेस क्लब परिवार के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। वहीं शोक सभा का संचालन शिक्षक महेन्द्र कुमार पटेल कर रहे थे। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के द्वारा ये तीन संकल्प लेने की सार्वजनिक उदघोषणा की:-
1. मन : मातृ स्वरूपा बेटी को समर्पित
राष्ट्रीय कार्यक्रम “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” को फलीभूत करते हुए आनंद राम साहू का परिवार 28 दिन आयु के उस मासूम बच्ची, मातृ स्वरूपा “काव्या यादव माता- स्व.भुनेश्वरी यादव, पिता-परमेश्वर (गोलू) यादव” को पढ़ाने-बढ़ाने का संकल्प लिए हैं। जिन्होंने जन्म लेने के तीसरे दिन ही अपनी मां को खो दिया है। पहली से बारहवीं कक्षा तक की उसकी संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का दायित्व आनंद साहू के परिवार उठाएगा। इस पर होने वाले संपूर्ण व्यय की व्यवस्था माता देवकी देवी साहू की कृषि भूमि से होगी।
2. तन : मानव समाज को समर्पित
माता देवकी देवी की अंतिम इच्छा देहदान करने की थी। जिसका अनुशरण और पूर्ति करते हुए उनके सुपुत्र आनंदराम साहू पिता स्व. परसराम ने दृढ़ निश्चय के साथ ‘देहदान’ और ‘नेत्रदान’ का संकल्प लिया। उन्होंने कहा है कि मेरे देहावसान के बाद निकटस्थ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में देहदान करके उनके परिजन इस संकल्प को पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी संकल्प दोहराया कि उनके नेत्र को जरूरतमंद को दान करेंगे, जिससे कि कोई बदकिस्मत भी उनकी आंखों से इस दुनिया को देख सकेंगे।
3. धन : जरूरतमंद पड़ोसियों को समर्पित
माता देवकी देवी साहू की स्मृतियों को चिर स्थाई बनाये रखने के लिए परसकोल जनकल्याण समिति, दीनदयाल नगर महासमुन्द को एक लाख, ग्यारह हजार, एक सौ ग्यारह रुपये स्वेच्छानुदान उन्होंने दिया। जिससे कि उनके पिता स्व. परस राम साहू की स्मृति में शुरू हुआ सांस्कृतिक मंच निर्माण का अधूरा कार्य पूरा हो सके। और ‘कॉलोनी परिवार’ इस मंच का सुख-दुःख के कार्यक्रम में निःशुल्क उपयोग कर सकें।
गूंज उठी तालियों की गड़गड़ाहट
शोक सभा में इन तीनों संकल्पों (मन-तन-धन समर्पण) की उद्घोषणा के साथ ही तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। शोकसभा की मर्यादाओं पर ये तीन संकल्प भारी पड़े। और लोग अपने हाथों को रोक नहीं सके। उपस्थित लोगों में से अनेक के आंखों से अविरल अश्रुधारा बहने लगी। और यही देवकी देवी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि थी।
बड़ी संख्या में पहुंचे थे लोग
कोरोना काल में भी इस शोक सभा मे महासमुन्द क्षेत्र के लोकसभा सदस्य (सांसद) चुन्नीलाल साहू, महासमुन्द विधायक व छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चंद्राकर, पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि, विभिन्न समाज प्रमुख, वरिष्ठ पत्रकार और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में पहुंचे थे। जीवन विद्या के प्रबोधक गेंदलाल कोकड़िया ने जीवन यात्रा पर सारगर्भित प्रकाश डाला। लाफिनकला गांव से आए भजन कीर्तन मंडली के लोक कलाकारों ने संगीतमय भक्ति प्रवाह से श्रद्धालुओं को जीवन दर्शन का मार्गदर्शन कराया