अंचल की संगीतमय धरती हुई सूनी ,पंडवानी गायिका तुलसी मानिकपुरी के असमय अवसान से सांस्कृतिक क्षति

अंचल की संगीतमय धरती हुई सूनी
पंडवानी गायिका तुलसी मानिकपुरी के असमय अवसान से सांस्कृतिक क्षति
सिरजन
सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं ने दी श्रद्धांजली
अंचल के सुप्रसिद्धध आकाशवाणी दूरदर्शन ग्रेड भी के पंडवानी गायिका श्री मति तुलसी बाई मानिकपुरी का असमय निधन होने से जिले के कला संस्कृति तथा सामाजिक क्षेत्र में शोक व्याप्त है जिसे गांव समाज और सिरजन कला परिवार गरियाबंद ने अपूरणीय क्षति कहा है तथा उनकी निधन से अंचल में शोक की लहर है उनके अंत्येष्टी में सैकड़ों लोग शामिल हुए जिन्होंने शोक संवेदना व्यक्त किए हैं
जिसमें सामाजिक की ओर से नारायण दास माखनदास रूप दास गैंददास चेतन दास मन्नू दागदसरथ दास पंचुदास गौकरण मानिकपुरी नथेल दास सहित सिरजन परिवार के समस्त कलाकार उपस्थित हुए जिसमें सेवक ठाकुर खेम निषाद किशुन निषाद हिम्मत सिन्हा मोहनविश्वकर्मा चुम्मन सिन्हा दुलारु ध्रुव हीरा लाल पटेल उपसरपंच भीखम ठाकुर वनोपज प्रदेश प्रतिनिधी रोहित मानिकपुरी वन प्रबंधक रामेश्वर दास मानिकपुरी लाल जी सिन्हा मिलन ध्रुव अरूण विश्वकर्मा आदि है बता दें पंडवानी की यह लोक गायिका मूलतः महाभारत गाथा को कपालिक शैली में छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश , उड़ीसा महाराष्ट्र समेत माऊंट आबू आदि स्थानों में कार्यक्रम दे चुकी है वे मानिकपुरी समाज के सक्रिय पदाधिकारी और आचार्य महंत केशव दास मानिकपुरी के धर्मपत्नि थीं और नाचा के संगीतकार स्वर्गीय लच्छन दास मानिकपुरी के शिष्या थीं
गौकरण मानिकपुरी फुलझर घटारानी