वन विभाग का नया प्रयोग हाथी प्रभावित क्षेत्र मे हाथियों के आवागमन रास्ते मे रखा रहे धान का बोरा आखिर क्यों ?

प्रतापपुर रिपोर्टर जिसान खान :- हाथियों के समस्या की बात की जाए तो पुरे छत्तीसगढ़ मे कहीं सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई जिला है तो वो है सुरजपुर जिला और उसमे वन परिक्षेत्र प्रतापपुर का नाम सर्वाधिक चर्चित है यहां दो तीन वर्षों मे लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी और वही दर्जनों हाथियों की मौत हो चूकी है और हजारो हेक्टेयर फसलो की बरबादी हो चूकी है वही अधिकारी नया प्रयोग करते रहते चाहे वो कालर आईडी गांव मे सायरन बजाना सहीत सैकड़ों प्रयोग फेल हो चुका है
वन विभाग अब नऐ प्रयोग के तहत सीसीएफ अनुराग श्रीवास्तव के पहल पर हाथी प्रभावित क्षेत्रो मे हाथियों के आवागमन वाले मार्ग पर हाथियों के खाने के लिए धान के बोरे रखने का नया प्रयोग प्रारंभ किया है कुछ हद तक योग प्रयोग सफल नजर आ रहा है प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के प्रभारी वन परीक्षेत्र अधिकारी मेवा लाल पटेल ने बताया कि सीसीएफ के निर्देश पर इस प्रयोग को बंसीपुर व आसपास क्षेत्र में इसका प्रयोग किया जा रहा है जिससे हाथियों द्वारा मकान क्षेत्र की प्रकरण में कुछ कमी नजर आ रही है वही प्रतापपुर परीक्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित सर्किल धरमपुर के सर्किल प्रभारी शैलेश गुप्ता ने बताया कि इस प्रयोग से कहां थी मकान की क्षति नहीं कर रहे हैं मकानों से अनाज निकाल कर खाने मामले मे कुछ कमी आई है वन हाथी बस्ती के अंदर कम घुस रहे है चुकी शककर कारखाना खुलने से हमारे क्षेत्र मे गन्ना का रकबा बढा है और हाथी को गन्ना पसंद है
अब देखना है की वन विभाग का प्रयोग कितना सफल हो पाता है