छत्तीसगढ़ सरकार को मिली एथेनॉल प्रोजेक्ट की मंजूरी, 10 हजार करोड़ के निवेश से तैयार होगा प्रोजेक्ट
रायपुर :- केन्द्रिय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्तमान महामारी काल के दौर में छत्तीसगढ़ को एक बड़ी सौगात दी है. उन्होंने बायो एथेनॉल प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. बता दें
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार लंबे समय से इस प्रोजेक्ट की मांग कर रही थी. जिस पर केंद्रिय मंत्री ने आज 19 अक्टूबर को भाजपा कार्य समिति की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल जैसे प्रयासों में सहायक साबित होगा. साथ ही छत्तीसगढ़ जैसे चावल उत्पादक राज्य को इसका खासा लाभ मिलेगा.
मिली जानकारी के मुताबिक इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा और एथेनॉल प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश में भूपेश सरकार ने इस साल 85 लाख टन धान खरीदी करने का लक्ष्य तय किया है. जिसमें से केंद्र सरकार को देने के बाद बचे अतिरिक्त धान से बायो फ्यूल तैयार किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश में अतिरिक्त धान के भंडारण की समस्या भी इस प्रोज समाप्त हो जाएगी.
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रोजेक्ट की थी मांग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 और छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति को लेकर साल की शुरूआत में नीति आयोग को पत्र लिखा था और
राज्य में उपार्जित अतिरिक्त धान से निर्मित बॉयो-एथेनॉल की बिक्री को प्रोत्साहित करने की मांग की थी.
साथ ही मुख्यमंत्री ने बॉयो-एथेनॉल बनाने कृषि मंत्रालय से हर साल मंजूरी लेने की बाध्यता को भी समाप्त करने का आग्रह था. जिस पर केंद्रिय पेट्रोलियम मंत्री ने मांग को मंजूरी देते हुए मुहर लगा दी है.
प्रोजेक्ट से किसान और सरकार दोनों को मिलेगा फायदा
रिसर्च के अनुसार बायो एथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर वाहनों में फ्यूल की तरह उपयोग में लाया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर प्रतिवर्ष देश में ऊर्जा की खपत बढ़ती जा रही है और नेचुरल पेट्रोलियम पदार्थ हर दिन घट रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक बायो फ्यूल, नेचुरल पेट्रोलियम का एक अच्छा विकल्प है.
इसके अलावा बायो फ्यूल के इस्तेमाल से सरकार की विदेशी धन की बचत होगी और कृषि क्षेत्र में चावल उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा.