ईसाई बन चुके युवक ने चौंकाने वाला दावा किया है कि, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘मुझसे कहा गया- देवताओं का विसर्जन कर दो वरना प्रभु नाराज होंगे, धर्मांतरण का हाल ऐसा कि प्रार्थना सभा में 60 प्रतिशत भीड़ हिंदूओं की…’ पढ़िए पूरी खबर-
रायपुर – शनिवार को राजधानी रायपुर में एक युवक जो कुछ साल पहले ईसाई बन चुका था, उसने घर वापसी करते हुए हिंदू धर्म अपनाया है। BJP नेता सच्चिदानंद उपासने और पार्षद अमर बंसल ने खासतौर पर घर वापसी का कार्यक्रम आयोजित किया। बाकायदा युवक को गुलदस्ता देकर उसका स्वागत किया गया, पार्षद ने उसके पैरों को धोकर गोद में उठा लिया। इधर, वापस हिंदू धर्म अपनाने वाले युवक ने धर्मांतरण को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है।
जानकारी मिली है कि युवक का नाम मुकेश साहू है। लाखे नगर के रहने वाले मुकेश साहू ने 3 साल पहले दबाव में आकर ईसाई धर्म अपना लिया था। वो कार्यक्रम के दौरान जय श्रीराम का नारा लगाते हुए रो पड़ा। मुकेश ने बताया कि दबाव में आकर हिंदू धर्म छोड़ा था। कार्यक्रम के दौरान BJP नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि लोगों को सेवा, शिक्षा और प्रार्थना के नाम पर बरगलाकर जबरन उनका धर्म बदला जा रहा है। इसका खुलासा मुकेश के मामले से हो चुका है। जिस तरह से मुकेश जैसे युवक ने सामने आकर इस बात को स्वीकारते हुए घर वापसी की है, यह प्रदेश की उस व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है जो हमेशा यह दावा करती है कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण नहीं हो रहा। हम ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
घर वापसी के कार्यक्रम के बाद मुकेश ने बताया कि लोगों के दिमाग में कुछ प्रभावित करने वाली बातों को डालकर पहले उनका मन बदला जाता है और फिर धर्म। मुकेश के दावे बेहद चौंकाने वाले हैं और इस बात की पुष्टि भी करते हैं कि रायपुर शहर में धर्मांतरण का खेल खुलेआम चल रहा है। मुकेश पुराने कार्टून बेचने का काम करता है।
उसने बताया कि 3 साल पहले बहन की तबीयत कुछ ज्यादा खराब रहने लगी थी। इस बात से परिवार परेशान था तो किसी ने कह दिया कि तेलीबांधा स्थित एक प्रार्थना स्थल पर जाकर प्रार्थना करने से बहन की बीमारी ठीक हो सकती है। बातों में आकर मुकेश अपनी बहन को लेकर वहां पहुंचे। वहां मौजूद ईसाई धर्म से जुड़े लोगों ने प्रार्थनाएं करवाई और मुकेश को बार-बार यह कहते रहे कि लगातार प्रार्थना करने से ही बहन की तबीयत ठीक हो सकती है। इसके बाद मुकेश का परिवार हर रविवार तेलीबांधा इलाके में स्थित प्रार्थना स्थल पर जाने लगे। कुछ दिन बाद धर्म से जुड़े लोगों ने मुकेश से कहा कि वह अपने घर में रखे देवी-देवताओं की पूजा करना बंद कर दें, ऐसा न करने से प्रभु नाराज हो जाते हैं और कृपा नहीं आती। मुकेश पर देवी देवताओं की तस्वीरों का विसर्जन करने का दबाव बनाया गया। कुछ दिनों बाद कुछ लोग मुकेश के घर आए। उसे एक धार्मिक ग्रंथ दिया गया, प्रेयर की गई और पवित्र जल का छिड़काव किया गया। मुकेश से कह दिया गया कि अब आगे की जिंदगी वो वही ग्रंथ करे और कभी भी हिंदू देवों का ख्याल अपने मन में न लाए।