आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने शासन पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया।उन्होंने उन्हें नियमित कर्मचारी बनाने के साथ अन्य मांगे भी रखीं व अपनी मांगों को लेकर शासन के विरुद्ध आंदोलन करने की बात भी कही……

अंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेशाध्यक्ष सुमंतमति केराम ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ कार्य समिति की बैठक में आंगनबाड़ी कर्मियों के हितार्थ एक प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित करते हुये आंगनबाड़ी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी घोषित करने एवं जब तक शासकीय कर्मचारी न हो आंगनवाड़ी कर्मियों को न्यूनतम वेतन 18 हजार एवं सहायिका को 9 हजार प्रतिमाह लागू करने की मांग रखी गई है।सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने सहित अन्य बिन्दुओं पर सरकार का ध्यान आकर्षण करने हेतु राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन 13 सितंबर को करने का निर्णय लिया गया है।अपनी अन्य मांगों के सम्बंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में बदलने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को भी प्री प्राइमरी टीचर व सहायिका को प्री प्राइमरी असिस्टेंट टीचर में शिक्षण के अनुभव पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को देखते हुये प्रशिक्षण देकर पदोन्नति की जाये ।ऑगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत कर्मियों को भविष्यनिधि, जीवन निर्वाह भत्ता, सेवानिवृत्त भत्ता, उनके
एवं उन पर आश्रितों को चिकित्सा सुविधा, उनके बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा लागू की जाये।मिनी ऑगनबाड़ी को मेन ऑगनवाड़ी में बदला जाये व सहायिका नियुक्ति की जाये ।उन्होंने बताया कि ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की 9 माह की एरियर्स राशि का भुगतान जल्द ऑगनबाड़ी कर्मियों के खाते में किया जाये । पोषण ट्रेकर में कार्य करने हेतु एंड्राइड फोन, सिम, इंटरनेट खर्च की निर्धारित राशि का भुगतान की मांग भी शामिल है।इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष समनु खान,ब्लॉक सेक्टर अध्यक्ष शशीलता,संतोषी,रीना पैंकरा,सुशीला, सावित्री,मनबसिया,सचिव सोनामती देवांगन,रुखसाना खातून सहित अन्य कार्यकर्ता व सहायिका उपस्थित थीं।